अफवाहों का माध्यम

नोबेल कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर इन दिनों कई लोगों द्वारा सोशल मीडिया के जरिए नसीहतें दी जा रही हैं।


तमाम तरह के घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं,


जबकि उनका मेडिकल क्षेत्र से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।


उन्हें लग रहा होगा कि ऐसा करके वे परोपकार कर रहे हैं।


मगर असलियत में उनका अभी चुपचाप घर में रहना ही सबसे बड़ा परोपकार है।


ऐसा करके वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते रहने का प्रयास करें।


खुद डॉक्टर बनने का प्रयास कदापि न करें।


उन्हें समझना चाहिए कि कोविड-19 के बारे में तमाम जानकारियां हमें अखबारों या टीवी के माध्यम से मिल रही हैं। बेवजह अफवाहें फैलाने से अच्छा है कि कुछ पढ़ने-लिखने की आदत डाली जाए। इससे खुद का और देश का भला होगा।