बेरोजगारी का संकट

आज के भारत की सबसे बड़ी मांग रोजगार है। कहा जाता है कि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। उनमें प्रतिभा की भी कमी नहीं है। फिर भी, दिन-प्रतिदिन कम होता रोजगार एक गंभीर संकट पैदा कर रहा है। स्थिति यह है कि एक-एक पद के लिए हजारों आवेदक अपना आवेदन भेजते हैं। ऐसे वक्त में, जब नौजवानों को देश का भविष्य बताया जा रहा है, तब नौजवानों को नजरंदाज करना सत्तासीन दलों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। जाति-पांति की तमाम बहसों से ऊपर उठकर सत्तानायकों को देश के लिए सोचना चाहिए। मगर मुश्किल यह है कि सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सब अपने-अपने हितों के लिए नौजवानों को छलते आए हैं।



                 सूरज सिंह 
अध्य्क्ष युवा अखिल भारतीय जनशक्ति पार्टी