गाजियाबाद, आम लोगों के साथ बिल्डरों ने भी नगर निगम की जमीन कब्जा करने में पीछे नहीं है। करीब पचास बिल्डरों का नगर निगम की जमीन पर कब्जा है। इन सभी बिल्डरों ने निगम के एनओसी के बगैर जीडीए से नक्शा पास करा लिया। सर्वे में हुए खुलासे के बाद इसकी वृहद जांच कराई जा रही है।
निगम के संपति प्रभारी और अपर नगर आयुक्त आरएन पांडेय का कहना है कि जांच के बाद बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सर्वे जारी है। आने वाले समय में और भी मामले सामने आ सकते हैं। नगर निगम की करोड़ों की जमीन पर पहले से कब्जा है। इसमें आम लोगों के साथ प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाली बात तक सामने आई जब नगर निगम की संपत्ति विभाग ने एक सर्वे कराया।
सर्वे में राजनगर एक्सटेंशन के अलावा क्रॉसिंग रिपब्ल्कि, राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर बनी कई बिल्डरों को शामिल किया गया। सर्वे में यह बात सामने आई कि यहां करीब 50 बिल्डरों ने अपने नक्शे में अपनी जमीन के साथ निगम की जमीन को भी शामिल कर लिया। निगम की अधिकांश जमीन वह है जो चकरोड और नालियों के लिए छोड़ी गई थी। जीडीए में नक्शा पास कराने के दौरान बिल्डरों ने ऐसी जमीन को भी अपने नक्शे में शामिल कर लिया।
नगर निगम से नहीं ली गई एनओसी : नियमानुसार कोई बिल्डर अगर जीडीए में निर्माण कार्य के लिए अपना नक्शा प्रस्तुत करता है। जीडीए अपने मानकों के हिसाब से उन्हें निर्माण की इजाजत देता है। निर्धारित भूमि के कानूनी पहलू की जांच नहीं करता। इस मामले में नगर निगम से बिल्डरों को एनओसी लेनी पड़ती है। इस प्रकरण में निगम अपनी भूमि का पड़Þताल उपलब्ध दस्तावेजों में कर लेता है। लेकिन बिल्डरों ने इस प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया। सीधे जीडीए से नक्शा पास करा लिया।
बिल्डरों ने जीडीए में पेश किए झूठे दास्तावेज : बिल्डरों ने जीडीए में नक्शा पास कराने के दौरान झूठा दास्तावेज प्रस्तुत किया। कायदे से बिल्डरों को अपने नक्शे में शामिल जमीन के बदले नगर निगम को जमीन देनी होती है। करीब 50 बिल्डरों ने जीडीए में इस बात का दास्तावेज प्रस्तुत किया कि उन्होंने निगम से ली गई जमीन के बदले उन्हें आवश्यक जमीन अलग से सौंप दी है। लेकिन सर्वे में यह बात झूठ निकली। आगे भी यह सर्वे जारी रहेगा। इसमें और भी बिल्डर शामिल हो सकते हैं
अपर नगर आयुक्त और संपति प्रभारी आरएन पांडेय ने कहा कि यह खुलासा पिछले दिनों कराए गए सर्वे में किया गया। किसी बिल्डर ने निगम से एनओसी नहीं ली और न ही निगम की जमीन के बदले जमीन सौंपा है। आगे जांच कराई जा रही है। जांच में दोषी बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।