हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया. आर्टिकल 370 के मुद्दे पर पहले भी पार्टी के अंदर एक राय नहीं थी. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था. अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस मुद्दे पर पार्टी लाइन से अलग दिख रहे हैं. बता दें कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और पूर्व मुख्यमंत्री का यह रुख कांग्रेस के लिए सही संकेत नहीं है. रोहतक में महापरिवर्तन रैली कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अपनी ही पार्टी से नाराज़ दिखे. हुड्डा ने साफ कहा कि कांग्रेस अब भटक गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कुछ भटकी है, हमने देशहित में इस फ़ैसले का समर्थन किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पहले वाली नहीं रही और अब भटक गई है. उन्होंने कहा कि हमारे बहुत सारे साथियों ने उसका विरोध किया. लेकिन जहां तक सवाल है देशभक्ति का और स्वाभिमान का मैं किसी से भी समझौता नहीं करूंगा. इसलिए ही मैंने 370 का साथ दिया है. हुड्डा ने इसके साथ ही यह भी ऐलान कर दिया कि वह सभी बंधनों से मुक्त होकर रैली में आए हैं और जनता की लड़ाई के लिए वह कोई भी फैसला लने के लिए तैयार हैं. 71 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन 13 विधायकों की एक समिति का गठन करेंगे जो भविष्य के बारे में फैसला लेगा.
उन्होंने इस दौरान प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. फसलों के दाम नहीं मिल रहे, खाद बीज के दाम बढ रहे हैं, बेरोजगारी को बढ़ावा मिला है और कानून व्यवस्था का बुरा हाल है. प्रदेश अपराध के मामले में नंबर-1 एक पर है, पारदर्शिता के नाम पर केवल लूट हुई है. हमारी सरकार में किसी से नौकरी के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया गया और भाजपा सरकार में नौकरी परचून की दुकान की तरह बेची हैं. उन्होंने कहा कि मैं लोगों की सरकार बनाने के लिए आया हूं, मैं रिटायर होना चाहता था, लेकिन जनता की लड़ाई लड़ने के लिए अभी रिटायर नहीं होना चाहता.
इसी रैली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे और रोहतक से पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि 'मैंने हमेशा राजनीतिक हित से ऊपर राष्ट्रीय हित रखा है. अनुच्छेद 370 की बात की जाए तो जिस तरह से इसे खत्म किया गया था, मैंने इसका विरोध किया, लेकिन मैं इसके हटाने का हमेशा समर्थन करूंगा. जो लोग राजनीतिक लाभ के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं मैं उनके साथ नहीं हूं.'
बता दें कि काफी दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि भूपेंद्र हुड्डा इस रैली में कांग्रेस को अलविदा कह कर नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन हुड्डा ने नई पार्टी की घोषणा तो नहीं की. हालांकि कांग्रेस आलाकमान को यह जरूर दिखा दिया कि वह हरियाणा प्रदेश की कुर्सी पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
क्या कांग्रेस छोड़ेंगे भूपेंद्र हुड्डा?