केंद्रीय करों में दिल्ली हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग


सीएम केजरीवाल ने की पन्द्रहवें वित्त आयोग के चेयरमैन से मुलाकात


नई दिल्ली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर से केंद्रीय करों में दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग जोरशोर से उठाई है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पन्द्रहवें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह से मुलाकात की। जवाहर भवन में हुई इस मुलाकात के दौरान दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी को लेकर फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली देश के लिए केंद्र सरकार को लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपए इनकम टैक्स के रूप में एकत्र करके देती है। लेकिन, इसमें से दिल्ली को यहां के विकास के लिए केवल 325 करोड़ रुपए वापस मिलता है। केंद्र सरकार को दिल्ली के अंदर और अधिक इनवेस्ट करना चाहिए ताकि यहां इकनॉमिक एक्टिविटीज बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि 2000 तक संविधान में प्रावधान था कि बाकी राज्यों की तरह राजधानी दिल्ली को भी पैसा मिला करेगा लेकिन 2000 में संविधान में बदलाव करके दिल्ली को इससे बाहर कर दिया गया। उस वक्त इस निर्णय के पीछे क्या कारण रहे होंगे, उस पर कुछ नहीं कह सकते। लेकिन 2000 से दिल्ली को केंद्र सरकार से पैसा मिलना बंद हो गया। ये दिल्ली सरकार और यहां के लोगों के साथ ज्यादती है। मुख्यमंत्री ने हमने फाइसेंस कमीशन से निवेदन किया कि केंद्र सरकार जैसे बाकी राज्यों को धनराशि उपलब्ध कराती है वैसे ही दिल्ली सरकार को भी यहां के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पैसा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फाइनेंस कमीशन ये तय करता है कि किस राज्य को कितना फंड दिया जाना चाहिए, इसीलिए हमने फाइनेंस कमीशन से निवेदन किया है कि वो दिल्ली को भी बाकी राज्यों की तरह हक मिलना चाहिए। हमारा मानना है कि 2000 तक के फार्मूले को अगर वर्तमान में लगाया जाए तो दिल्ली को सालाना 6000 करोड़ रुपए मिलना चाहिए।