संत निरंकारी मण्डल की शाखा लोहाघाट द्वारा सतसंग का आयोजन


संत निरंकारी मण्डल की शाखा लोहाघाट द्वारा सतसंग का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संत निरंकारी मण्डल के सहारनपुर जोन के जोनल ईन्चार्ज जे .एस चौधरी जी ने की। अपने उदगार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पैगंबर(सद्गुरु ) किसी एक मजहब या सम्प्रदाय के लिए नहीं आता है यह समस्त मानव जाति के लिए आता है। अगर पैगंबर ने कहा कि चोरी नहीं करनी चाहिए तो यह सब के लिए है।किसी एक सम्प्रदाय के लिए नहीं। और हम सब एक प्रभु परमात्मा की संतान हैं। इस ईश्वर को सद्गुरु के द्वारा जानकारी ही यह बात समझ आ सकती है कि एक पिता एकस के हम बालक ।फिर सारे झगडे समाप्त हो जाते हैं।
गल समझ गये त रौला कि।फिर राम रहीम ते मौला कि।।
सद्गुरु से ईश्वर की जानकारी होने के बाद जिस तरह अर्जुन ने कहा कि।
जिधर देखता हूँ उधर तूही तू है।
हर शह में जलवा तेरा हूबहू है।।
जब तक हम हकीकत से अनजान हैं तब तक हम शक संदेह में जी रहे होते हैं।जब हमे किसी भी तरह की जानकारी हो जाती है तो हमें कोई भी बहका नहीं सकता ।जब तक हम अंधकार में होते हैं तब ही किसी से टकराते है या ठोकर लगती है।जब हमरे पास ज्ञान की रोशनी होती है तो हम ठोकरों और टक्करो से बच सकते हैं। पैगंबर हमें रूढीयो से बचा कर सरल जीवन जीने का तरीका बताते हैं। अमुक वार अच्छा है अमुक वार ख़राब है।यह कार्य अच्छा है यह कार्य खराब है।
इन सभी तरह के कर्म बंधन से मुक्त कर देते हैं। इन के साथ प्रचार यात्रा में सहारनपुर के संयोजक रघुनाथ जी, जोगेंद्र जी, मुकेश(सारथी) जी थे।
सत्संग का संचालन डॉ. बी. एस. सक्सेना ने किया इसमें हरीश जोशी, कैलाश उपाध्याय, नवीन धौनिक, पुलिस माझी .प्रवीण भट्ट, सविता सरन, बबीता, गुरु सरन, विनोद, शिवानी, मीना उपाध्याय आदि निरंकारी मण्डल के अनुयायियों ने भाग लेकर सद्गुरु के आदेश के अनुसार आशीर्वाद लिया और इस तरह अपने योगदान से संसार को एक सुंदर देन देने की ओर एक कदम बढाया। इस के बाद यह प्रचार यात्रा पिथौरागढ धारचूला के लिए प्रस्थान कर गयी।