महापौर पद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व महज दो पदों पर अनेक पार्षदों की दावेदारी से पसोपेश में


नई दिल्ली दिल्ली में महापौर चुनाव की तारीख सामने आने के साथ ही तमाम राजनीतिक दलों के केंद्र में अब महापौर चुनाव पर आ गया है। दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में महापौर व उपमहापौर के साथ स्थायी समिति के तीन सदस्यों के चुनाव आगामी 26 व 29 अप्रैल को होने हैं जिसके लिए पार्षदों ने अपने अपने खेमे की लामबंदी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इस वर्ष तीनों नगर निगमों में महापौर पद पर आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति व जनजाति) से निर्वाचित पार्षद की नियुक्ति की जानी है। हालांकि, दोनों नगर निगमों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का महापौर व उपमहापौर पद पर चुना जाना तय है। मगर, निगम की शक्तिशाली स्थायी समिति में भागीदारी को लेकर आम आदमी पार्टी व कांग्रेस पार्टी भी रणनीति बनाने में जुटी हैं। वहीं, महापौर जैसे संवैधानिक पद पर अपने पार्षदों के निर्वाचन को लेकर आास्त भाजपा का शीर्ष नेतृत्व महज दो पदों पर अनेक पार्षदों की दावेदारी से पसोपेश में दिखाई दे रहा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत देवनगर से पार्षद राजेश कुमार लावड़िया, पूर्वी पटेल नगर से पार्षद रमेश कुमार और कश्मीरी गेट से पार्षद अवतार सिंह महापौर पद पर लगातार दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें लावड़िया को उपमहापौर पद पर, जबकि कुमार व सिंह को स्थायी समिति में कार्य करने का अनुभव प्राप्त है। वहीं, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में महापौर पद के लिए अनुसूचित जाति के दो पार्षदों ने अपनी दावेदारी पेश की है। इनमें पहला नाम पंजाबी बाग से पार्षद और मौजूदा उपमहापौर कैलाश सांकला और दूसरा नाम मादीपुर से पार्षद सुनीता कांगड़ा का है। यहां आरक्षित वर्ग से निर्वाचित सात पार्षद हैं। मगर, इस वर्ग से आने वाली किसी भी महिला पार्षद को अबतक महापौर जैसा प्रतिष्ठित पद नहीं मिल सका है। लिहाजा, सुनीता को महिला होने का लाभ मिल सकता है।