केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार रोकने में विफल : विजेंद्र गुप्ता


नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला किया। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में व्यापक भ्रष्टाचार चल रहा है। यह सब तब हो रहा है, जब जल बोर्ड के चेयरमैन खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल हैं। उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के एमयू ब्लाक, पीतमपुरा में चल रहे पांच करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार होने की जानकारी मैंने खुद केजरीवाल को 23 मार्च को पत्र लिखकर दी थी। इस विषय पर केजरीवाल कार्यवाही करना तो दूर की बात खुद जल बोर्ड के चेयरमैन केजरीवाल ने 31 मार्च को करोड़ों रुपये के फर्जी बिलों का भुगतान करवा दिया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल से इसकी शिकायत की गई है। यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में पिछले चार सालों में केजरीवाल ने पानी की बढ़ोतरी करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। चार साल पहले भी दिल्ली में पानी 900 (मिलियन गैलन प्रतिदिन) एमजीडी था, आज भी उतना ही है। उन्होंने बताया कि 47 प्रतिशत पानी टैंकर माफिया की चोरी और लीकेज में बर्बाद हो जाता है। आज तक केजरीवाल ने इस को लेकर कोई कदम नहीं उठाए हैं, जबकि उन्होंने खुद दिल्ली में सभी को पानी देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 16 नवम्बर, 2017 को शिक्षण संस्थाओं के लिए यह अनिवार्य किया था कि वे अपने परिसरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करें। इसके क्रिन्यावयन की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड को सौंपी गई। इसको लेकर बोर्ड के अधिकारी भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं का शोषण किया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने में भारी हेराफेरी की जा रही है। इसके कारण अनेक स्कूल भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त डिवीजन में विभिन्न वर्क आर्डर को लेकर भारी गोलमाल है। सुरक्षा उपकरण खरीदने के लिए वर्क आर्डर भी जारी किए गए परंतु नई चीजें खरीदने की बजाय पुरानी चीजों को एंट्री कर पैसे का गबन कर लिया गया। गुप्ता ने दिल्ली में जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए विदेश से मिलने वाली राशि पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार विदेशों से मिलने वाली करोड़ों रुपए की सहायता राशि को प्रयोग करने में विफल रही। उन्होंने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक ने इस काम के लिए बोर्ड को 2200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे लेकिन उसका उपयोग नहीं हो पाया। जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी ने चन्द्रावल वाटर ट्रीटमेंट के अंतर्गत परियोजना स्थापित करने के लिए 2000 करोड़ रुपये की सहायता राशि स्वीकृत थी, इसका भी सदुपयोग नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि हर कॉलोनी में जल बोर्ड की पाइप लाइन से पानी पहुंचाएगी परन्तु यह उनका वादा दूर का ढोल ही बनकर रह गया है।