नई दिल्ली, किसी भी स्वरूप की वास्विकता प्रदर्शित करने का सबसे सुगम माध्यम है आईना। आईने में कोई भी अपने बाहरी स्वरूप के साथ साथ अपने अन्तः मन को भी देखता और महसूस करता है। इसी विषय को केंद्र मन कर टीइसी प्रोडक्शन ने मनुष्य जीवन के वृत्तांत (आईना) का मंचन किया। आईना का मंचन कमानी सभागार में किया गया। जिसमे भारतीय कला के विभिन्न रूप द्वारा प्रस्तुति दी गई।
आईना में मनुष्य के जीवन वृत्तांत, उसके प्रारंभिक संघर्ष, उपलब्धि, उपलब्धि के शिखर पर पहुंच कर उसका अनुरक्षण, विवाहित जीवन, एकाकीपन और अंत के अन्तः मन की की स्थिति को बखूबी प्रस्तुत किया गया। आईना 7 भागो में विभाजित भव्य नृत्य दृश्यों का संकलन है। जिसमे मानव जीवन के अलग अलग चरणों को दिखाया गया है। आईना शहरी जीवन की अराजकता से शुरू हो कर आस्तित्व का संघर्ष, अन्धकार की अग्नि और अंत में परमानन्द या सांसारिक जीवन से मुक्ति का अर्पण है।
टीइसी एंटरटेनमेंट के निदेशक ललित तनेजा ने आईना के विषय में बताया की (आईना) टीइसी एंटरटेनमेंट की प्रस्तुति है जिसके माध्यम से हम लोगों को खुद से रूबरू करा रहे हैं। आईना को एक कहानी के रूप में चित्रित किया गया है किन्तु वह व्यक्ति के जीवन को वर्णन करता है। आईना मेरे और शिवम् चौहान द्वारा निर्देशित किया गया जिसमे कलाकर विज़ुअलाइज़र, कविता, नृत्य द्वारा प्रस्तुति दे रहे हैं। आईना में भारतीय नृत्य शैलियों के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय नृत्य शैली को भी दिखाया गया है।
इस अवसर पर टीइसी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक भूपेश तनेजा ने कहा कि आईना की दिल्ली की सफलता के बाद इसका मंचन देश के विभिन्न भागों और विदेशों में भी किया जायेगा।