कलियुग में मनुष्य के कल्याण का सबसे सुलभ सन्मार्ग है श्रीमद भागवत कथा श्रवण: सच्चिदानन्द


नई दिल्ली, विश्व शांति एवं मानव प्राणी कल्याणार्थ भागवताचार्य महामंडलेश्वर श्री सच्चिदानन्द शास्त्री जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान चंदू पार्क पुरानी अनारकली कालोनी स्थित सिद्धपीठ श्री सीताराम संतसेवा मन्दिर एवं गौ सेवा सदन के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री रामगोविन्द दास महात्यागी जी महाराज का भव्य अभिनन्दन हुआ।


उल्लेखनीय है कि श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्री व्रन्दावन धाम की श्रीमद भागवत नाम प्रचार समिति एवं महामंडलेश्वर श्री रामगोविन्द दास महात्यागी जी महाराज के संयोजन में हुआ। जिसमें भागवताचार्य महामंडलेश्वर श्री सच्चिदानन्द शास्त्री जी महाराज द्वारा ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा की गई। ज्ञान यज्ञ समारोह का आयोजन शुक्रताल में किया गया था। आयोजन को सफल बनाने में महामंडलेश्वर श्री रामगोविन्द दास महात्यागी जी महाराज के आलावा उड़ीसा के भागवत प्रेमी अशोक शर्मा, प्रहलाद अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, राजकुमार अग्रवाल, नरसिंह अग्रवाल, छत्तीसगढ़ से आर के अग्रवाल, मध्य प्रदेश से विपिन गौतम, रोहित, पंकज शर्मा, दिल्ली के विजय गुप्ता, राजबीर व उनके अन्य सहयोगियों का विशेष योगदान रहा।


महामंडलेश्वर श्री सच्चिदानन्द शास्त्री जी महाराज ने भागवत प्रेमियों पर ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा करते हुए बताया कि कलियुग में श्रीमद भागवत कथा का श्रवण मनुष्य के कल्याण का सबसे सुलभ सन्मार्ग है। ज्ञात रहे भागवत दर्शन व कथा श्रवण मात्र से मनुष्य अनंत जन्मों के पापों से भी मुक्त हो जाता है। साश्वत सत्य है कि श्रीमद भागवत सभी शास्त्रों का सार होने साथ साथ मनुष्य के जीवन का दर्शन शास्त्र है। उन्होंने यह भी बताया कि मनुष्य के हिरदय में भगवान के दर्शन की जब लालसा उत्पन्न होती है तभी भगवान के दर्शन होते हैं। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि भक्त के जैसे भाव होते हैं भगवान उसी रूप में दर्शन देते हैं।


कथा के समय महाराज जी का धर्म प्रेमियों को आगाह करते हुए यह भी बताया कि वर्तमान के बदलते परिवेश में भारतीय संस्कृति जीवंत रहेगी तभी हिन्दू धर्म बचेगा। हमारा प्रयास यह रहना चाहिय कि हिन्दू समाज में फूहड़ता से भरी पाश्चात्य संकृति का बढ़ता प्रवाह रुके और भारतीय सनातन संस्कृति व सभ्यता का प्रवाह बढ़े।