दिल्ली में लोकसभा की सातों सीटों पर फिर फहरेगी भाजपा की विजय पताका: मनोज तिवारी


नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को कहा कि पार्टी की विजय पताका दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर फिर फहरेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) गठबंधन करके लड़े या अलग-अलग, चुनाव पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाई थी कि कांग्रेस से किसी भी हालत में गठबंधन नहीं होगा क्योंकि गठबंधन भ्रष्टाचार को जन्म देता है। आज केजरीवाल उसी पार्टी के साथ गठबंधन के लिए कभी राहुल गांधी के सामने तो कभी शीला दीक्षित के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। भारत के इतिहास में आम आदमी पार्टी पहली ऐसी पार्टी है जो देश के टुकड़े-टुकड़े चाहने वाले देशद्रोहियों के गैंग के बचाव के लिए न्यायालय की प्रक्रिया में भी दखल देने को तैयार है।


मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों और हर बूथ पर 51 प्रतिशत वोट पाने के लक्ष्य के साथ चुनाव में उतरेगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचारी बताकर दिल्ली में चुनाव जीता था। कोयला घोटला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला और 2-जी घोटाले से त्रस्त दिल्ली की जनता को भ्रमित करने के लिए कांग्रेस ने केजरीवाल को खड़ा किया। हम यह पूर्ण विश्वास के साथ कह सकते है कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस की बी टीम है। दिल्ली की जनता शताब्दी के सबसे बड़े झूठे केजरीवाल के झूठ को समझ चुकी है और आगामी चुनावों में दिल्ली ने नरेन्द्र मोदी को दिल्ली की सातों सीटें देकर और सशक्त बनाने का मन बना लिया है।



विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबधंन के लिए पिछले 6 महीने में 6 प्रयास कर चुकी है। भाजपा का विस्तार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इतनी डरी हुई है कि 67 सीटें जीतने वाले केजरीवाल जमानत जब्त होने वाली पार्टी कांग्रेस से गठबंधन की उम्मीद कर रहे हैं। सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन की आतुरता दिखाकर केजरीवाल ने साबित कर दिया कि व्यक्तिगत स्वार्थपूर्ति व सत्ता के लिए वह किसी भी हद तक गिर सकते हैं। केजरीवाल ने सिर्फ दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया और अब आगमी चुनावों में अपने आंतरिक सर्वे में केवल 8 प्रतिशत मतदान मिलने के भय से गठबंधन के लिए कांग्रेस के सामने हाथ जोड़ रहे हैं।