शीला दीक्षित और संदीप को लोकसभा चुनाव लड़ाने की कांग्रेस में उठी मांग
नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी से कांग्रेस गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं इस पर अंतिम निर्णय लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद होगा। अभी तो 80 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री व दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित और उनके यसमैन राज्य कांग्रेसी नेताओं का बहुमतवाला खेमा आम आदमी पार्टी से तालमेल करके चुनाव लड़ने का घनघोर विरोध कर रहा है। उधर, उनके पहले राज्य कांग्रेस अध्यक्ष रहे अजय माकन अब अपने पहले के रूख से उलट, आप से तालमेल की तरफदारी करने लगे हैं। इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस की 7 सदस्यीय कोर कमेटी करेगी। उसमें जो निर्णय किया जाएगा, वह लागू होगा। सूत्रों का कहना है कि राज्य कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित की इच्छा के विपरीत राष्ट्रीय कांग्रेस के कई नेता आम आदमी पार्टी से तालमेल करके लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनमें से कई ने अपने क्षेत्र का आंतरिक सर्वे कराया है। उसमें जो परिणाम आया है उससे वे हिल गये हैं। सर्वे में जो रूझान आया है, उसमें साफ संकेत है कि पुलवामा हमले के बाद तेजी से बदले हालात में आप व कांग्रेस को अकेले- अकेले लोकसभा चुनाव लड़ना आत्महत्या करने की तरह होगा। यदि दोनों राजनीतिक दल गठबंधन करके चुनाव लड़े, तब दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से 3 सीट जीत सकते हैं। यदि तालमेल करके चुनाव नहीं लड़े तो 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में भी दिल्ली प्रदेश की सभी 7 सीटें फिर भाजपा जीत जाएगी। लेकिन ऐसे नेताओं के इस तर्क का शीला दीक्षित व उनकी कोटरी के नेताओं पर कोई असर नहीं हो रहा है। उनके इस जिद के चलते कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने शीला दीक्षित और उनके बेटे संदीप दीक्षित दोनों को ही दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ाने और उनको अपनी साख व प्रसिद्धि साबित करने की मांग शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि संदीप दीक्षित पूर्वी दिल्ली से सांसद रहे हैं। उनको 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ाया जाए। वह भोपाल से पार्टी का टिकट मांग रहे हैं। ऐसे नेताओं का कहना है कि शीला दीक्षित कह रही हैं कि दिल्ली में बीते तीन माह में कांग्रेस मजबूत हुई है। जब दिल्ली में कांग्रेस मजबूत हो गई है और लोकसभा चुनाव तथा 6 माह बाद होने वाला विधानसभा चुनाव कांग्रेस अकेले जीत सकती है, तब तो नई दिल्ली संसदीय सीट से शीला दीक्षित को भी टिकट दिया जाना चाहिए। इन मां-बेटे को दिल्ली की दो लोकसभा सीट पर उतारना चाहिए। और यदि ये दोनों जीत जाते हैं तो इससे पार्टी को बहुत बल मिलेगा। इसका फायदा कुछ माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भी होगा। तब 80 वर्ष की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ लेंगी। सूत्रों का कहना है कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन के बारे में अब अंतिम निर्णय कांग्रेस की 7 सदस्यीय कोर कमेटी करेगी। उसमें दिल्ली में आम आदमी पार्टी से तालमेल के मुद्दे के अलावा अन्य कई राज्यों में वहां के भाजपा विरोधी दलों के साथ तालमेल पर भी निर्णय होगा।