सामाजिक समरसता का सबसे अनुपम संदेश देता है कुम्भ का महापर्व: महात्यागी


नई दिल्ली, 25 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय महात्यागी खालसा के महन्त एवं महामंडलेश्वर श्री श्री 108 श्री राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज ससंघ प्रयागराज (इलाहाबाद) में लगे कुम्भ महापर्व के अवसर पर कुम्भ क्षेत्र में सवा महीने तक राष्ट्र व हिन्दू धर्म रक्षार्थ यज्ञ व कल्पवास करने के बाद पूर्वी दिल्ली के चन्दू पार्क पुरानी अनारकली कालोनी स्थित श्री सीताराम सन्तसेवा मन्दिर एवं गौ सेवा सदन वापस पहुंचे।


सवा महीने के कल्पवास के बाद वापस दिल्ली पहुंचने पर महात्यागी जी महाराज का नगर प्रवेश से पूर्व जगतपुरी लालबत्ती चैक पर श्री सीताराम सन्तसेवा मन्दिर परिवार व कृष्णा नगर क्षेत्र के समस्त श्रधालुओं द्वारा भव्य अभिनंदन किया गया। यहां से महाराज जी नगर परिक्रमा करते हुए मन्दिर पहुंचे। इस मौके पर समाज सेवी पंडित विपिन भारद्वाज, हिन्दू नेता जयभगवान गोयल, कृष्णा नगर विधानसभा के विधायक एस के बग्गा, श्री भीष्म लाल शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन राजीव शर्मा, भाजपा नेता विवेक काबरा सहित सैकड़ों अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे


नगर परिक्रमा के दौरान राम गोविन्द दास महात्यागी जी महाराज के साथ साथ महामंडलेश्वर सच्चिदानन्द जी महाराज (व्रन्दावन), महंत ओंकार दास जी महाराज (श्याम खाटू), महंत परमानंद जी महाराज (जगन्नाथ पूरी), महंत राम मोहन दास महाराज (हरिद्वार), महंत राम दास महाराज (वाराणसी), महंत सालिग्राम महाराज (दिल्ली), संत विनय दास (दिल्ली), संत चंद्रशेखर दास (राजस्थान) द्वारा भी नगरवासियों को भगवत आशीर्वाद से अनुग्रहित किया गया।


इस शुभ अवसर पर नगरवासियों द्वारा बैंड बाजे के साथ महाराज की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा जगतपुरी लाल बत्ती चैक से प्रारम्भ होकर राधे पुरी, पुरानी अनारकली (बाला मन्दिर), कबीला चैक आराम पार्क, न्यू लायल पुर, सोम बाजार, साऊथ अनारकली, गोविन्द पार्क होते हुए चन्दू पार्क पुरानी अनारकली कालोनी स्थित श्री सीताराम सन्तसेवा मन्दिर पर समाप्त हुई। यात्रा मार्ग में महाराज द्वारा धर्म प्रेमियों को कुम्भ प्रसाद के साथ साथ गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम तीर्थ से लाया गया अमृत जल भी प्रदान किया गया।


शोभायात्रा मार्ग में महाराज का जगह-जगह जहां धर्म परायण लोगों द्वारा पुष्प वर्षा करने के अलावा भिन्न भिन्न तरीके से अभिनंदन किया गया वहीं साऊथ अनारकली में कृष्णा नगर के प्रख्यात समाज सेवी पंडित विपिन भरद्वाज के संयोजन में महाराज का भव्य स्वागत करने के साथ साथ विशाल भंडारा भी किया गया। शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए धर्म प्रेमियों पर ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा करते हुए महात्यागी महाराज ने बताया कि कुम्भ के योग को कुम्भ स्नान-योग भी कहते हैं।


इस महापर्व के सन्दर्भ में मान्यता है कि इस दौरान पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार आठों पहर खुले रहते हैं अतः इस पर्व पर गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम तीर्थ में स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। कुम्भ योग में कुम्भ क्षेत्र में स्नान करना साक्षात् स्वर्ग दर्शन माना जाता है। कुम्भ विश्व का सबसे बड़ा ऐसा महापर्व है जो कि सामाजिक समरसता का सबसे अनुपम संदेश देता है। मानव प्राणी को कुम्भ स्नान करने मात्र से देवों का इतना आशीर्वाद मिलता है जितना सौ अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद भी नही मिल पाता।