महिला की हत्या के मामले में वकील गिरफ्तार


नई दिल्ली, मकान से कब्जा हटाने के लिए महिला किराएदार की सुपारी देकर हत्या कराने वाले वकील को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने वकील के दो सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें एक सुपारी किलर है। वकील ने मकान मालिक से तीस लाख रुपये लेकर वारदात को अंजाम दिलाया और महिला के शव को उस्मानपुर के यमुना खादर में ठिकाने लगा दिया। घटना के सात साल बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर हत्या के रहस्य से पर्दा हटा दिया है। पुलिस अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है। क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त रामगोपाल नायक ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों की पहचान लोनी गाजियाबाद निवासी वीरेन्द्र कुमार(44), बुराड़ी निवासी पृथ्वी सिंह और आजादपुर निवासी कमलेश(28) के रूप में हुई है। वीरेन्द्र पेशे से वकील हैं और तीसहजारी अदालत वकालत करता है। वहीं पृथ्वी सिंह दिल्ली जलबोर्ड में सफाई कर्मचारी हैं। 18 दिसंबर,2011 को उस्मानपुर इलाके में एक महिला की लाश मिली थी। काफी दिनों तक महिला की पहचान नहीं हो पाई। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। पुलिस ने महिला की पहचान मॉडल टाउन निवासी किरण अग्रवाल के रूप में की। 19 जनवरी,2012 को किरण के भाई ने मॉडल टाउन थाने में उसकी गुमशुदगी की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि महिला का अपने पति से विवाद चल रहा था। वह अकेले मॉडल टाउन इलाके में रहती थी। उसका अपने मकान मालिक से भी घर खाली करने को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने 31 जनवरी,2019 को हत्याकांड में शामिल दो आरोपित पृथ्वी सिंह और कमलेश को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह पेशे से वकील वीरेन्द्र कुमार के कहने पर वारदात को अंजाम दिया। पृथ्वी वीरेन्द्र का मुवक्किल था औरत्या के एवज में वकील से डेढ़ लाख रुपये लिए थे। जबकि कमलेश ने घटना को अंजाम देने के लिए 20 हजार रुपये लिए। पुलिस ने इनके निशानदेही पर वीरेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है। कमलेश पर आठ आपराधिक केस दर्ज हैं। केस की पैरवी करने वाला ही निकला हत्यारा अपने पति से विवाद की वजह से किरण पांच साल से मॉडल टाउन में किराए के मकान में अकेली रहती थी। उसने रोहिणी कोर्ट में अपने पति के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत कर रखी थी। उधर किरण का मकान मालिक भी किरण पर घर खाली करने का दवाब बना रहा था। मकान मालिक ने भी किरण के खिलाफ रोहिणी कोर्ट में केस दायर कर रखा था। किरण के दोनों मामलों की पैरवी वकील वीरेन्द्र कर रहा था। किरण मकान खाली करने के एवज में मकान मालिक से दो करोड़ रुपये की मांग कर रही थी। वीरेन्द्र ने एक साजिश रची और किरण के मकान मालिक से एक डील किया। उसने मकान मालिक से कहा कि अगर वह तीस लाख रुपये दे देगा तो उसका मकान खाली करवा देगा। मकान मालिक इस बात के लिए राजी हो गया। वीरेन्द्र साजिश में अपने मुवक्किल पृथ्वी को शामिल किया। पृथ्वी की मदद से उसने तीन सुपारी किलर आजादपुर निवासी बिरजू, बंटी और कमलेश को हत्या करने के लिए राजी कर लिया। इसके एवज में तीनों को 20-20 हजार रुपये दिए। 17 दिसंबर,2011 को सभी आरोपित किरण के घर पहुंचे और उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को एक बैग में डालकर यमुना खादर के पास फेंक दिया। पुलिस के अनुसार मकान खाली करवाने के एवज में मिली रकम से वीरेन्द्र ने किरण की हत्या करवाई और बाकी रकम से अंकुर विहार लोनी में एक फ्लैट भी खरीद ली।