हमले के दोषियों को चुन चुन कर जिंदा कब्र में दफना दिया जाये ;सन्दीप भारद्वाज


नई दिल्ली मानसरोवर गार्डन पुलवामा में भारत के 42 सैनिकों पर घात लगाकर किये गए हमले से पूरा भारत हैरान और शोकग्रस्त है।भारत की जनता के मन में पाकिस्तान के लिये बहुत आक्रोश है।जगह-जगह सड़कों पर कैंडल मार्च और प्रार्थना सभाओं द्वारा शहीदों को श्रदांजलि दी जा रही है।इसी कड़ी में डी-ब्लॉक मानसरोवर गार्डन की RWA द्वारा रविवार को कैंडल मार्च का कार्यक्रम रखा गया जिसमें एसोसिएशन के प्रधान सरदार रघुबीर सिंह की अगुवाई में कैंडल मार्च निकाली गयी और



गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के बाहर सबने मोमबत्ती जलाकर शहीदों को श्रदांजलि अर्पित की।कैंडल मार्च में शहीद अमर रहें,भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे सभी बच्चों,बूढ़ों, महिलाओं और नौजवानों ने लगाए।फ़न सिनेमा मोतीनगर के चौक पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विधायक शिवचरण गोयल की अगुवाई में कैंडल जलाकर शहीदों को श्रदांजलि दी।इसी कड़ी में कमलानेहरु कैम्प भूमिगत जलाशय के पास कीर्ति नगर से क्लस्टर के निवासियों ने शहीदों की श्रदांजलि के लिए कैंडल मार्च का आयोजन किया जिसमें बच्चों और महिलाओं ने विशेष रूप से हिस्सा लिया और लगभग पांच सौ की तदाद में कैण्डल मार्च में सभी सम्मिलित हुये।कैंडल मार्च पुरे चूनाभट्टी,रेलवे लाइन,हरिजन बस्ती,डी एस आईं डी सी काम्प्लेक्स का चक्कर काट कर एक सौ बीस सीटर शौचालय के पास एकत्र हुई जहां सभी शहीद जवानों की तस्वीरों पर पुष्प चढ़ाकर और मोमबत्ती जलाकर शहीदों को श्रदांजलि दी गयी।इस अवसर पर कर्मपुरा से समाजसेविका रीटा शर्मा अपने साथियों के साथ पहुंची।क्लस्टर से सत्यव्रत पाठक,राहुल कर्ण,नन्दलाल,रानी,नौशाद,संजय इत्यादि ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़ के उपाध्यक्ष तीनों कार्यक्रमों में शामिल हुये।सन्दीप भारद्वाज ने कहा कि शहीदों पर जो छुपकर सुनियोजित तरीके से मानव बम द्वारा हमला किया गया है,वह पाकिस्तान की कायराना हरकत दर्शाता है।यह हमला पाकिस्तान के हुक्मरानों की विकृत मानसिकता को दर्शाता है क्योंकि पाकिस्तान के शासकों ने अपने देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत करने की बजाय हमेशा से भारत के खिलाफ षडयन्त्र रचने के ही कार्य किये हैं,जिसके परिणाम स्वरूप आज की तारीख में पाकिस्तान की सरकार दिवालियेपन की शिकार हो चुकी है।आर्थिक तौर पर पाकिस्तान टूट चुका है।आज वक्त आ गया है कि भारत की सेना पाकिस्तान का नामोंनिशां विश्व के मानचित्र से ही मिटा दे।जैसा 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90000 फौजियों ने भारत के आगे घुटने टेके थे उसी तरह की करवाई भारत सरकार की ओर से होनी चाहिये।भारत सरकार को सेना को खुली छूट दे देनी चाहिये ताकि कश्मीर घाटी को आतंकवादियों से पूरी तरह आज़ाद करवा दिया जाए और हमले के दोषियों को चुन चुन कर जिंदा कब्र में दफना दिया जाए,यही शहीदों को श्रदांजलि होगी।