दिल्ली सरकार ने 2019-20 के लिये पेश किया 60 हजार करोड़ रुपये का बजट


नई दिल्ली, दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के चैथे दिन मंगलवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बतौर वित्त मंत्री सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान प्रस्तुत किये। मनीष सिसोदिया के बजट अनुमान प्रस्तुत करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भारत की वायु सेना की ओर से मंगलवार तड़के पाकिस्तान में स्थित आतंकी बंकरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की प्रशंसा की और भारतीय वायु सेना के जवानों को इस कार्रवाई के लिये सदन की ओर से बधाई भी प्रेषित की। सदन में भारतीय वायु सेना के इस अदम्य साहस और कार्यों के लिये सदस्यों ने खड़े होकर उनकी प्रति आभार व्यक्त किया।
इस दौरान सदन में सत्ता व विपक्ष दोनों की ओर से भारत माता की जय और भारतीय वायु सेना जिंदाबाद के नारे भी खूब लगाये गये। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हमारे वीर जवानों की शहादत को श्रद्धांजली देने का बड़ा काम भारतीय वायु सेना ने किया है। पुलवामा हमले के बाद से पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मजबूती से समर्थन में खड़ा था।
आभार प्रस्ताव के बाद सदन में बजट भाषण देते हुये उप-मुख्यमंत्री/वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिये वर्ष 2019-20 के लिये प्रस्तावित बजट राशि 60,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 27,000 करोड़ रुपये की राशि योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये तो 33,000 करोड़ रुपये की राशि स्थापना बजट के रूप में प्रस्तावित की गई। जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में बजट राशि 53,000 करोड़ रुपये है। 2014-15 में बजट राशि 30940 करोड़ रुपये थी जोकि इस बार लगभग दोगुनी की गई है।
सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली की स्थानीय निकायों को अगले वर्ष 6380 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रस्तावित है। इसमें योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिये 2331 करोड़ रुपये के रूप में, 2244 करोड़ बुनियादी कर दायित्व के रूप में और स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन शुल्क व एक मुश्त पार्किंग शुल्क में 1805 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी का प्रावधान बजट में किया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली का बजट हमेशा की तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को ज्यादा चुस्त दुरूस्त करने पर बल देने वाला है। जिस तरह से दिल्ली सरकार ने चार साल के दौरान में शिक्षा व स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा बजट खर्च किया है। उसी तरह से अगले साल भी इसको जारी रखने का फैसला किया गया है। शिक्षा पर अगले साल भी बजट का 26 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया जाएगा। बजट में इसके लिये 15601 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव किया गया है। इस राशि में से दिल्ली सरकार के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, पॉलीटेक्निक, आईटीआई तथा उच्च व तकनीकी शिक्षा के छात्रों में व्यवसायिक सोच एवं रवैये को बढ़ावा देने के लिये 42 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। सरकार अगले साल से स्कूली व उच्च तकनीकी शिक्षा के छात्रों को बिजनेस योजना विकसित करने के लिये सालाना राशि भी मुहैया कराएगी। शिक्षा के क्षेत्र में दो नये प्रोग्राम भी प्रस्तावित किये हैं जिनके तहत सरकार छात्रों को प्रतिभा फेलोशिप भी प्रदान करेंगी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत 7वीं से 12वीं तक के उन सभी प्रतिभाशाली छात्रों को प्रतिवर्ष 2500 रुपये छात्रवृत्ति प्रदान करेगी जिन्होंने पिछली कक्षा में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त किये हैं। दिल्ली सरकार कौशल विकास की दिशा में युवाओं को अग्रसरित करने के लिये एक नये विश्वविद्यालय की स्थापना भी करेगी। इसको यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साईंसेज का नाम दिया गया है। साथ ही शिक्षकों के लिये शिक्षण प्रशिक्षण विश्वविद्यालय भी स्थापित करेगी। इसके अतिरिक्त दिल्ली की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये दिल्ली कला केंद्र और युवा महोत्सव जैसे दो नये कार्यक्रम भी बजट में प्रस्तावित किये गये हैं।
बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी विशेष बल दिया गया है। दिल्ली सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में वर्तमान बिस्तरों की संख्या 10,000 को बढ़ाकर दोगुना 20,000 करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अंबेडकर नगर में 600 बिस्तर, बुराड़ी में 800 बिस्तर और द्वारका में 1241 बिसतरों के अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। अस्पतालों के पुनर्गठन से 2601 नये बिस्तरों की व्यवस्था हो सकेगी। वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य पर 7485 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।
सिसोदिया ने बजट भाषण में कहा कि सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के क्षेत्र में भी कई अहम फैसले किये गये हैं। वरिष्ठ नागरिकों, विशेष आवश्यकता वाले लोगों और संकटग्रस्त महिलाओं के लिये वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत 2214 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार अगले वित्तीय वर्ष में लाडली योजना की तर्ज पर विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के लिये सावधि जमा योजना, दिव्यांग माता-पिता की लड़कियों के विवाह के लिये वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है। चलने-फिरने में असमर्थ छात्रों को स्कूटर और उनकी जरूरतों के मुताबिक तैयार की गई मोटरचालित साईकिलों के मूल्य में रियायत दी जाएगी। सरकारी स्कूलों में छठी से दसवीं कक्षा तक के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को नई अंबेडकर पाठशाला योजना के तहत सुधारात्मक कोचिंग प्रदान की जाएगी। वर्ष 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री एडवोकेट वेलफेयर स्कीम के लिये 50 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की है। यह अधिवक्ताओं व उनके परिजनों के कल्याण पर खर्च की जाएगी। सरकार ने राशन वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिये राशन दुकानदारों का मार्जन मनी 70 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 200 रुपये प्रति क्विंटल कर दी है। सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के विभिन्न कार्यक्रमों, योजनाओं व परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये 3429 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
सिसोदिया ने कहा कि अनाधिकृत कालोनियों में विकास कार्यों के लिये जलापूर्ति और सीवरेज के लिये 600 करोड़ रुपये सहित कुल 1600 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गई। हर विधानसभा क्षेत्र के लिये विधायक फंड की राशि प्रतिवर्ष 4 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये की गई। आवास और शहरी विकास की योजनाओं/परियोजनाओं के लिये 3914 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
जलापूर्ति और स्वच्छता के क्षेत्र में भी कई योजनाओं व कार्यक्रमों की घोषणा की। इनमें भू-जल में सुधार पर 100 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। जलाश्यों के जीर्णेाद्धार के लिये एक नई योजना तालाबों के पुनरूद्धार संरक्षण और रख रखाव प्रस्तावित है। द्वारका में 50 एमजीडी क्षमता का नया जल शोधन संयंत्र लगाने का प्रस्ताव है। दिल्ली जल बोर्ड की योजनाओं/परियोजनाओं के लिये 2370 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। वहीं दिल्ली में जारी 20 किलोलीटर निःशुल्क जलापूर्ति के लिये जल सब्सिडी योजना में 467 करोड़ रुपये का प्रस्ताव का प्रावधान किया है। जनता को जल सब्सिडी का लाभ निरंतर मिलता रहा है।


इसके अतिरिक्त सड़क अवसंरचना मजबूत करने के लिये कई परियोजनाओं को भी अमल में लाया जाएगा। सड़क अवसंरचना के तहत विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये बजट में 1900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें वर्ष 2019-20 में लगभग 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे यानी हर विधानसभा क्षेत्र में 2000 कैमरे लगाने की योजना भी शामिल है। सीसीटीवी कैमरे के लिये 500 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। 303 करोड़ रुपये की लागत से शास्त्री पार्क और सीलमपुर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू जो चुका है जिसका निर्माण 18 माह में पूरा हो जाएगा।
सिसोदिया ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये बनाई गई विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं के लिये 1807 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। बस यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिये नये तरह के बस-क्यू शेल्टर बनाये जाएंगे। इसमें वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिये बैठने की समुचित व्यवस्था भी होगी। 50 करोड़ की लागत से विभिन्न स्थानों पर 1397 बस क्यू शेल्टर बनाएं जाएंगे। दिल्ली में बिजली चालित वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये एक व्यापक विद्युत वाहन नीति का मसौदा तैयार किया है। इस नीति के तहत 2024 तक नये वाहन पंजीकरण में 25 प्रतिशत हिस्सा बिजली चालित वाहनों का होगा। इसके लिये राज्य विद्युत वाहन कोष बनाया जाएगा। इसके लिये 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने एन्वायरनमेंट कंपनशेषण चार्ज फंड से भी 2019-20 में 50 करोड़ रुपये राज्य विद्युत वाहन कोष के लिये चिन्हित किये हैं। दिल्ली मेट्रो रेल के चैथे चरण की परियोजना के लिये 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। दौराला, कापसहेड़ा, बामनौली, सराय कालेखां और नरेला में बनने वाले नये बस डिपो और द्वारका सेक्टर-4 व 12, विकास पुरी व नरेला में बस टर्मिनलों के लिये 150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है। अगले साल डीटीसी बेड़े में 1000 नई बसें, कलस्टर बस योजना में 1000 स्टेंडर्ड फ्लोर सीएनजी बसें, 1000 लो-फ्लोर एसी सीएनजी व 1000 लो-फ्लोर एसी बिजली चालित बसें शामिल होंगी।


सिसोदिया ने बजट भाषण में कहा कि पर्यावरण की दिशा में कड़ा फैसला लिया गया है। सरकार की एक पेड़ कटने के बदले 10 पेड़ लगाने की योजना तो पहले से ही अमल में है लेकिन अब किसी प्रोजेक्ट के लिये जितने पेड़ हटाने होंगे उनमें से केवल अधिकतम 20 प्रतिशत तक पेड़ों को काटने की ही अनुमति दी जाएगी। बाकी कम से कम 80 प्रतिशत पेड़ों को आधुनिक तकनीक के द्वारा ट्रांसप्लांट करना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इस संबंध में सरकार ने योजना तैयार कर ली है। दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य है जहां यह कड़ा नियम लागू किया जाएगा।
दिल्ली के बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई योजनाएं तैयार की हैं। इसके अंतर्गत राजधानी से सटी सीमाओं के प्रवेश द्वार के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है। पहले चरण में गुरुग्राम सीमा, टीकरीकलां, गाजीपुर, अप्सरा और कौशाम्बी के निकट आनंद विहार बार्डर में 5 प्रवेश स्थलों की पहचान की गई है। दूसरे चरण में 7 अन्य प्रवेश स्थलों को सौंदर्यीकरण के लिये चुना जाएगा। अगले साल इस योजना पर 25 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। यमुना नदी को भी विश्वस्तरीय बनाने के लिये सिग्नेचर ब्रिज के आसपास के क्षेत्र के पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। पर्यटन के क्षेत्र में तैयार की गई योजनाओं के लिये 49 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
सिसोदिया ने कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में भी कई सरकारी घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के किसानों के लिये स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करके न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने जा रही है। इस योजना के लिये अगले साल के बजट में 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। सरकार ने स्मार्ट कृषि योजना नाम से नई योजना को शुरू करने का फैसला किया है। इससे किसानों को आय बढ़ाने में मदद मिल सकेगी। सरकार ने गांवों के बुनियादी विकास पर भी ध्यान देते हुये इसके लिये बजट में 200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है। सरकार ने 2019-20 के बजट अनुमान में कृषि, ग्रामीण विकास और सहयोगी सेवा क्षेत्र के लिये 749 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है।
सिसोदिया की ओर से प्रस्तुत किये गये बजट भाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कुछ लेखा अनुदानों को सदन में मंजूरी के लिये प्रस्तुत किया। इसके बाद सदन को 27 फरवरी, अपराह्न दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।