दिल्ली पुलिस की सूझबूझः नर्क होने से बची उत्तराखंड की छात्रा की जिन्दगी


नई दिल्ली, उत्तराखंड में नाना-नानी से झगड़े के बाद 15 वर्षीय छात्रा भागकर दिल्ली आ गई। पैसे खत्म होने पर वह भूखी-प्यासी रोते हुए दरियागंज इलाके में घूम रही थी। इससे पहले कि वह इलाके में सक्रिय स्मैकियों की नजरों में आती। मध्य जिले के डीसीपी ऑफिस में कार्यरत कॉन्स्टेबल हरिओम राणा ने उसे देख लिया। उसे कुछ शक हुआ और छात्रा को दरियागंज थाने में ले आया। जिसके बाद दरियागंज पुलिस टीम ने ऑपरेशन मिलाप चला कर कुछ ही घंटों में छात्रा के परिजनों को ढूंढ निकाला। फिलहाल पुलिस ने छात्रा को उसके परिजनों को सौंप दिया है। मध्य जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इतना साफ था कि छात्रा घर से भागकर आई है लेकिन उस वक्त उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह कुछ भी ठीक से बता नहीं पा रही थी। तुरंत एसीपी गीतांजली खंडेलवाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। छात्रा के पास एक स्कूल बैग था। पुलिस ने किताब और नोट बुक का एक-एक पन्ना छान मारा। एक पेज पर फोन नंबर लिखा मिला। पुलिस ने उस पर कॉल किया तो पता चला कि वह नंबर लड़की के पिता का है। पुलिस ने उन्हें सारी बात बताई और दिल्ली बुला लिया, जिसके बाद छात्रा का मेडिकल कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। बेटी को पाकर परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। पुलिस की माने तो छात्रा नौवीं कक्षा में पढ़ती है। वह उत्तराखंड के टिहरी जिला में नानी नाना के पास रहती है। मगर उनसे झगड़े के बाद वह बस में बैठकर दिल्ली आ गई


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