व्यक्ति की सबसे बड़ी मित्र होती हैं पुस्तकें: डॉ. उदित राज


-दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की बवाना शाखा का उद्घाटन


नई दिल्ली, दिल्ली के बवाना में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की बवाना शाखा दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल एवं डॉ. उत्तर-पश्चिम दिल्ली सांसद डॉ. उदित राज के कर कमलों द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सानिध्य में आयोजित किया गया और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. रजनी अब्बी, उपाध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और पूर्व महापौर उपस्थित थी।


इस मौके पर डॉ. उदित राज ने कहा कि पुस्तकें व्यक्ति की सबसे बड़ी मित्र हैं विशेष रूप से बच्चों और युवा पीढ़ी की क्योंकि पुस्तकों में ज्ञान-विज्ञानं, अध्यात्म, संस्कृति, खेल, स्वास्थ्य, अर्थ, राजनीति एवं जीवन मूल्यों के अनेक सन्देश निहित होते हैं जोकि बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों सभी के लिए लाभकारी होते हैं। उन्होंने अपने जीवन में पुस्तकालय में जाने पर आये सकारात्मक प्रभाव को सभी के साझा किया। डॉ. उदित राज ने आगे कहा कि जब वो शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और वह गरीब परिवार से थे तो उन्होंने लाइब्रेरी का ही सहारा लिया था और आईआरएस बनने में सहायता मिली।


मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मंत्री विजय गोयल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की एक ऐसी शाखा होगी जो दिल्ली के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के सभी ग्रामीण क्षेत्रों को पुस्तकें उपलब्ध कराएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र के सभी स्कूल, महाविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं अन्य सामान्य नागरिकों को निशुल्क पुस्तकें पढने का अवसर मिलेगा। हमारे महापुरुषों विवेकानंद, अरविन्द, दीनदयाल उपाध्याय, दयानंद सरस्वती आदि ने युवाओं का आवाहन किया था कि यदि उनमे अपनी संस्कृति के प्रति देशभक्ति एवं आस्था जाग्रत हो जाये तो वर्षों से देश में जीवन मूल्यों का जो विचलन होरहा है, उसका पुनर्स्थापन होगा। कार्यक्रम के अंत में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के महानिदेशक डॉ. लोकेश शर्मा जी ने सभी का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान के अथ इस कार्य्रकम का समापन हुआ।