विश्व पुस्तक मेला: राजकमल प्रकाशन के स्टाल जलसाघर में पुस्तकप्रेमीयों का रहा जमावड़ा


नई दिल्ली, प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले का दूसरा दिन पाठकों के जोश और आनंद से भरपूर रहा। रविवार की सुबह गुनगुनी धूप के साथ किताबों, लेखकों और चाय के पियालों के नाम रही। राजकमल प्रकाशन के स्टाल जलसाघर में पुस्तकप्रेमीयों का जमावड़ा सुबह से ही बना रहा। लेखक से मिलिए कार्यक्रम के पहले सत्र में पूर्व शतरंज खिलाड़ी एवं चर्चित पुस्तक आजादी मेरा ब्रांड की लेखिका अनुराधा बेनीवाल ने पाठकों के बीच अपनी यात्राओं के अनुभव साझा किए। किताब से उन्होंने प्राग के अपने अनुभव पढ़कर सुनाए।


आजादी मेरा ब्रांड अनुराधा बेनीवाल की पहली किताब है। यह किताब यायावरी आवारगी श्रृंखला की पहली किताब है, जो राजकमल प्रकाशन के सार्थक उपक्रम से प्रकाशित हुई है। लंदन में शतरंज की कोच और बिंदास ट्रैवलर अनुराधा बेनीवाल, ने दुनिया के कई देशों का दौरा कर अपनी यात्राओं के अनुभवों को इस किताब में समेटा है। अनुराधा ने एम्सटर्डम के रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट के बारे में अपनी किताब में शानदार तरीके से खुलकर लिखा है।


लेखिका ने यूरोप के देशों की यात्रा करना और हिंदी में पुस्तक लिखने के बारे आपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा मै हिंदी में ही लिखना चाहती थी क्योंकि मेरा देश, गावं और परिवार अपनी मात्रभाषा हिंदी से परिचित हैं और मै चाहती थी कि पूरा देश इस पुस्तक को पढ़े और इसके लिए हिंदी से बेहतर और कोई भाषा नही हो सकती थी मेले की खास किताबों में तस्लीमा नसरीन की बहुप्रतिक्षित किताब बेशरम राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर पाठकों के लिये उपलब्ध हुई। यह किताब लज्जा की उत्तरकथा है।


पंडित जगन्नाथ और मुगल शाहजादी लवंगी के प्रेम की अनोखी दास्तां प्रेम लहरी, लेखक त्रिलोक नाथ पांडे की किताब से अंश पाठ विकास कुमार,अभिनव सब्यसाची एवं ऐश्वर्या ठाकुर द्वारा किया गया। इतिहास के अनछुए पहलुओं को उजागर करती कृति प्रेम लहरी इतिहास होने का दावा नही करती और न लेखक द्वारा इतिहास लेखन का बल्कि एक प्रेम कहानी को केंद्र मे रखकर लिखी गई पुस्तक है। ऐतिहासिक तानेबाने मे बुनी प्रेम कहानी लोक संस्कृति और जमीन से जुड़े लोगों की कहानी भी कहती है तो दूसरी ओर शाही रहन सहन का अंतर्विरोध भी दिखाती है। विश्व पुस्तक मेला पाठकों और लेखकों का संगम है। ऐसे में लेखक अखिलेश, शिवमूर्ति, वीरेन्द्र यादव, ओम थानवी, अल्पना मिश्र राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर पाठकों से गर्मजोशी से मिले।