विश्व का सबसे अहम देश है श्रीलंका


किसी भी देश के अन्य देश के आंतरिक रिश्तों को बताने व समझाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। सभी देशों के पत्रकार अन्य देशों में जाकर वहां की संस्कृति, ऐतिहासिक स्थल व तकनीकियों से अपने देश को रू-ब-रु कराते हैं। ऐसी ही तर्ज पर भारत की ओर से इंडिया फेड़रेशन ऑफ वर्किगं जर्नलिस्ट संस्थान की ओर से 16 पत्रकारों का एक समूह होकर आया है। संस्था के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने इस समूह की अध्यक्षता करते हुए अपने देश को प्रस्तुत किया। सात दिवसीय दौरे में पहले दिन श्रीलंका के 63वें प्रैस एसोसिएशन दिवस के कार्यक्रम को अटेंड किया। श्री लंका प्रैस एसोसिएशन ने भारतीय पत्रकारों के डेलीगेट का शानदार स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय पत्रकारों ने अपनी परम्परा के साथ श्रीलंका लंका प्रैस एसोसिएशन को सभी सदस्यों का शाल देकर व तमाम तरह के स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसके बाद सफर का दौर प्रारंभ हो जाता है जिसमें से हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण श्रीलंका के नुवर एलिया जिला स्थित सीता मां का मंदिर है। इस जगह पर रावण ने सीता मईया को कैद कर लिया था। जैसा कि हम इस विषय में रामायण में देखते व सुनते आये हैं। इसके बाद हनुमान जी वहां उनके छुडाने आए थे। हनुमान जी के पद चिन्ह आज भी वहां हैं। इस बात को विश्व की तमाम एजेंसियों ने प्रमाणिकता दी हैं। इस ऐतिहासिक स्थल को देखने के लिए विश्वभर से लोग आते हैं। दुनिया इस बात को चमत्कार भी मानती है। इस घटना से एक बात और भी तय होता जाती है कुछ अन्य धर्म के लोग सनातम (हिंदू) धर्म को ज्यादा पुराना या उसका इतिहास नही मानते तो यह उन लोगों के लिए आंखे खोलने या जानकारी बढ़ाने के लिए सबसे बड़ा सजीव उदाहरण भी माना जाता है।
वहां के पुजारी शिवराज शर्मा ने हमारे लिए आरती का आयोजन किया व बताया कि यहां रोजाना कई देशो से सैंकडों लोग आते हैं लेकिन जब कोई भारतीय आता है तो वह बहुत भावुक सा हो जाता है। कुछ लोगों की आँखों से तो आंसु भी निकल जाते हैं इसके सिवाय लगभग हर कोई जय बजरगं बली और जय श्रीराम के जोर जोर से नारे लगाता है। पूरे विश्व मे से कोई भी हिंदू आता है तो यहां आरती जरुर करता है। श्रीलंका में एक पॉवर प्लांट भी है जिससे इस देश को विश्वविख्यात पहचान मिली है। हवा से बिजली बनाने का कारनामा करने वाला यह पहला देश है। जैसा कि आपको जानकारी होगी कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा व कई तरह की चाय पत्ती उत्पाद करने वाला देश श्रीलंका माना जाता है व सन 1921 से स्थित वहां एक बहुत बड़ी चाय पत्ती की फैक्ट्री भी है। चायपत्ती फैक्ट्री के मुख्य कारीगरों ने पूरी फैक्ट्री का भ्रमण कराया व वहां की विशेषताएं भारतीय पत्रकारों को समझाई।
सिगिरिया या सिंहगिरि मध्य प्रांत, श्रीलंका में डंबुला शहर के पास उत्तरी मटाले जिले में स्थित एक प्राचीन चट्टान किला है। यह नाम ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की एक साइट को संदर्भित करता है जो लगभग 200 मीटर यानि 660 फीट ऊंचे चट्टान के बड़े पैमाने पर स्तंभ का प्रभुत्व है। प्राचीन श्रीलंका के अनुसार कुलावम्सा क्रोनिकल के अनुसार, इस साइट का चयन राजा कश्यप ने 477-495 ईस्वी में अपनी नई राजधानी के लिए किया था। उन्होंने इस महल के शीर्ष पर अपना महल बनाया और रंगीन भित्तिचित्रों के साथ अपने पक्षों को सजाया। इस चट्टान के किनारे आधा रास्ते एक छोटे पठार पर उन्होंने एक विशाल शेर के रूप में एक प्रवेश द्वार बनाया। इस जगह का नाम इस संरचना से लिया गया है- सिघगिरी, शेर रॉक। राजा की मृत्यु के बाद राजधानी और शाही महल को त्याग दिया गया था। इसका उपयोग 14वीं शताब्दी तक बौद्ध मठ के रूप में किया जाता था। साथ में आपको यह भी बता दें कि सिगिरिया आज यूनेस्को सूचीबद्ध विश्व धरोहर स्थल है। यह प्राचीन शहरी नियोजन के सर्वोत्तम संरक्षित उदाहरणों में से एक है।
कुछ इस तरह की अन्य ऐतिहासिक स्थलों हमें अवगत कराया गया व हर राज्य के पत्रकार संघ ने हमें प्यार व स्ममान दिया। भारतीय पत्रकारों के श्रीलंका दौरा कई मायनों में यादगार और ऐतिहासिक रहा। हप्ते भर के इस दौरे ने सार्क देशों के पत्रकारों को एक मंच पर आने की शुरुआत हुई, और आईएफडब्लूजे के टीम लीडर हेमंत तिवारी ने भारतीय उच्चायुक्त सहित श्रीलंका की प्रमुख हस्तियों को कुंभ का प्रतीक चिन्ह भेंट कर आमंत्रण देते हुए सांस्कृतिक दूत की भूमिका निभाई। श्रीलंका के पूर्व सूचना मंत्री ने भारतीय पत्रकारों से आग्रह किया कि श्रीलंका की गंभीर संकट में पहुंच चुकी लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने में मुखरता दिखाएं। इस दौरे पर टिप्पणी करते हुए श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों को प्रगाढ़ करने में आई एफडब्लूजे के पत्रकारों की यह यात्रा एक सेतु का कार्य करेगी। भारतीय दूतावास के आमंत्रण पर पहुंचे पत्रकारों के दल का प्रथम सचिव नितिन ओला ने सभी को प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया टीम। लीडर हेमंत तिवारी ने श्रीलंका अशोक वाटिका के और विकास की ओर भी उच्चाधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदत्त कुम्भ के प्रतीक चिन्ह व अयोध्या की ऐतिहासिक आरती के चित्र को उच्चाधिकारियों, श्रीलंका प्रेस एसोसिएसन के पदाधिकारियों और राजनेताओं को भेंट कर उन्हें आमंत्रित किया गया। एक सांस्कृतिक दूत की भूमिका निभाते हुए हेमंत तिवारी ने कुम्भ आयोजन, अयोध्या आरती और अप्रवासी सम्मेलन पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रथम सचिव नितिन ने आश्वस्त किया कि इन आयोजनों में श्रीलंका की सक्रिय भागीदारी रहेगी। श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन और श्रीलंका पर्यटन बोर्ड द्वारा आयोजित इस दौरे में भारतीय दल ने श्रीलंका प्रेस एसोसिएशन के 63 वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की व प्रमुख पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया। बौद्ध श्रद्धालुओं के अंतरराष्ट्रीय केंद्र कैंडी, जहां महात्मा बुद्ध का पवित्र दांत रखा हुआ है, वहीं यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर सिगरिया पहाड़ी का भ्रमण कर वहां के स्थलों के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक संदर्भों की जानकारी ली। मातले में विश्व के प्रथम बौद्ध अभिलेखागार में पहुंचकर दल ने तथ्यों की जानकारी ली। भारतीय दल का विभिन्न स्थलों पर अभूतपूर्व स्वागत हुआ। कोलम्बो स्थित श्रीलंका फाउंडेसन में श्रीलंका प्रेस एसोसिएसन के समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रीय नृत्य कंडियन द्वारा भारतीय पत्रकारों का स्वागत किया गया तो मातले भ्रमण के दौरान वहां के स्थानीय प्रेसक्लब ने सहभोज के साथ स्वागत किया। श्रीलंका के प्रसिद्ध हिल स्टेशन नुवारा इलिया में एसएलपीए की स्थानीय इकाई द्वारा स्वागत किया गया। इसके अतिरिक्त एसोसिएटेड न्यूज पेपर, डेली मिरर, सरसा नेटवर्क द्वारा भी भारतीय पत्रकारों का स्वागत किया किया गया।
हेमंत तिवारी ने इस अविस्मरणीय यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम भौगोलिक रूप से भले ही बड़े हों, लेकिन श्रीलंका के लोगों का दिल बड़ा है। भारतीय पत्रकारों के दल में बिश्वजीत बनर्जी, वीएस चतुर्वेदी, गीतिका तालुकदार, राजेश माहेश्वरी, सुभ्रांशु शेखर, रमेश ठाकुर, योगेश कुमार सोनी, लोकेश बाबू, सत्यनारायण, वेंकटप्पा, किरणकुमार, मंजुनाथ और श्रीकांत खतेई जैसे विभिन्न राज्यों के पत्रकार शामिल थे। दौरे की अंतिम रात श्रीलंका प्रैस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मुदिथा कारियाकरवाना व उनके पुत्र कुरलू कारियाकरवाना श्रीलंका प्रैस एसोसिएशन के डीप्टी जनरल सैक्रेट्री के साथ अन्य तमाम प्रचसिल हस्तियों ने भारतीय पत्रकार के डेलीगेट को तोफहा देकर सम्मान दिया व एक शानदार पार्टी का भी आयोजन किया। दोनों देश के पत्रकारो ने श्रीलंका टूरिस्म व टूरिस्म ब्यूरों का धन्यवाद दिया।


-योगेश सोनी-