उत्तरी निगम ने पेश किया बजट, संपत्ती कर से होने वाली आमदनी बढ़ी


नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) में स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी ने बुधवार को सदन में बजट पेश किया। विरमानी ने कहा कि एनडीएमसी की पिछले वर्ष की सम्पत्ति-कर से आय 616.16 करोड़ रुपये थी जो जनवरी 2019 तक के आंकड़ो के मुताबिक 860.67 करोड़ रुपये हो गई है। विरमानी ने कहा कि निगम के राजस्व का मुख्य स्रोत सम्पत्ति-कर है, इसलिए सम्पत्ति-कर की वसूली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो ईमानदारी से सम्पत्ति-कर का भुगतान कर रहे हैं, उन पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ न डालकर अधिक से अधिक सम्पत्तियों को सम्पत्ति-कर के दायरे में लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय एनडीएमसी 760 करोड़ रुपये के घाटे में थी। इसके अलावा 10.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दर से 562 करोड़ रुपए की देनदारी था। यानी एनडीएमसी पर कुल कर्ज 1322 करोड़ रुपए होता है। वहीं चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक दिल्ली सरकार एनडीएमसी को 728 करोड़ 81 लाख रुपये, प्रशाधन सुधार के मद में 154 करोड़ रुपये और अनुदान राशि 84 करोड़ रुपए देय है। विरमानी ने कहा कि केजरीवाल सरकार हाई कोर्ट के आदेश का पालन नही कर रही है और चैथे वित्त आयोग की सिफारिशों को मानने से ही इनकार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशें भी तोड़-मरोड़कर लागू कर दिल्ली की नगर निगमों को पंगु बनाने पर आमादा है। वीना विरमानी ने एनडीएमसी द्वारा किए गए मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में कॉल ड्रॉप की समस्या को सुलझाने को लेकर बाकी दोनों निगमों के साथ समन्वय कर अलग अलग स्थानों पर नए सेल टॉवर लगवाने की पहल की जा रही है। वहीं दिल्ली में प्रदूषण में पार्टिकुलेट मैटर्स (पीए) 10 को कम करने के लिए एनडीएमसी ने 12 मेकेनिकल स्वीपर खरीदे हैं। छिड़काव की योजना बनाई गई और 104 वाहन छिड़काव के लिए खरीदे गए हैं।