सीएम केजरीवाल अपने आपको शहीद और दूसरों को देशद्रोही दिखाने की कोशिश न करें: विजेन्द्र गुप्ता


नई दिल्ली, विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने आपको शहीद और दूसरों को देशद्रोही दिखाने की नापाक कोशिश न करें। निश्चित रूप से न वो शहीद हैं और न उनके कहे के अनुसार केन्द्र सरकार और उप राज्यपाल देशद्रोही हैं। उन्होंने जिस प्रकार दिल्ली और दिल्लीवासियों के विकास में रोड़े अटकाये हैं वे अवश्य देशद्रोही की श्रेणी में आते हैं।


नेता विपक्ष ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित समारोह में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने उनसे जो कहा भाजपा उस पर अपनी घोर आपत्ति व्यक्त करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार साल पहले उन्होंने आम आदमी पार्टी रूपी जो पौधा लगाया था उसको देश के गद्दार कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। उनका स्कूली बच्चों को इस प्रकार से संबोधन करना दिखाता है कि वह मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उनका यह कहना अत्यंत आपत्तिपूर्ण है कि अंग्रेजों की सरकार के साथ जिन लोगों ने गद्दारी करी आज उसी मानसिकता के लोग हमारे साथ गद्दारी कर रहे हैं।


विपक्ष के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गद्दार लोग मोहल्ला क्लिनिक नहीं बनने दे रहे, अस्पताल नहीं बनने दे रहे, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार नहीं करने दे रहे, तो क्या ये देश के साथ गद्दारी नहीं है। केजरीवाल बार-बार गिने-गिनाये झूठे आरोपों को देशद्रोह का नाम देकर सिद्ध कर रहे हैं कि उनके दिलोदिमाग में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ जहर उगलने के सिवाय नहीं बचा है। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार और उप राज्यपाल तो संविधान के भीतर ही रहकर अपना दायित्व निभा रहे हैं, परंतु मुख्यमंत्री राष्ट्र और दिल्लीवासियों के साथ जो अन्याय कर रहे हैं वह देशद्रोह की परिभाषा के अंतर्गत अवश्य आता है। क्या देशद्रोह के आरोपों से घिरे कन्हैया और उनके साथियों के साथ एकजुट होकर खड़े होना देश के साथ गद्दारी नहीं है?


क्या दिल्ली के 20 लाख कमजोर वर्गों के नागरिकों को आयुष्मान भारत बीमा योजना के अंतर्गत दिये जाने वाले लाभों से वंचित रखना राष्ट्रद्रोह नहीं है? जबकि यह योजना लगभग पूरे देश में गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं का भरपूर लाभ पहुंचा रही है। क्या केजरीवाल मेट्रो फेज-4 के रास्ते में जान-बूझकर आधारहीन और असंवैधानिक शर्तें लगा कर दिल्लीवासियों के साथ गद्दारी नहीं कर रहे हैं? क्या दिल्ली मेरठ रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए सरप्लस फंड होते हुये भी अपना वित्त शेयर देने से मना करना राष्ट्र के साथ गद्दारी नहीं है? केजरीवाल सरकार ने सैकड़ों ऐसे अनेक कामों को रोक रखा है जिनसे दिल्ली ही नहीं अपितु देश के लोगों को भी नुकसान हो रहा है। इससे बड़ा गद्दारी का और क्या सबूत हो सकता है।