राम के नाम पर जीती मोदी सरकार राम बैठे टेंट में सरकार कर रही मौजमस्ती: पैंथर्स


नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष राजीव जौली खोसला, महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद जी और आचार्य डा. राजेश प्रसाद ओझा (ज्योतिषचार्य) के साथ नववर्ष की शुरूआत मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से की, मगर देखने से दिल को बड़ा धक्का लगा कि मोदी सरकार 150 करोड़ हिन्दुस्तानियों व करोड़ों विदेशियों के साथ-साथ रामलला को भी धोखा दे रही है जिसका खामियाजा 2019 में भुगतना पड़ेगा। खोसला ने वहां बिताए दो दिनों में हर जगह का मुआयना किया। रामलला के दर्शन करने तक कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राम लला के दर्शन के लिए जैसे जंगल सफारी एक बस में बैठकर जंगल का मुआयना करना पड़ता है। इसी प्रकार लोहे के पिंजरों में से तकरीबन 300 से 500 मीटर गुजरना पड़ता है, जिसके बीचोंबीच रामलला के दर्शन करने पड़ते हैं, जो कि तकरीबन पिंजरों से 25 से 30 फुट की दूरी पर टेंट में विराजमान हैं। ऐसा हिन्दुओं का कोई भी धर्मस्थान नहीं होगा जहां दर्शन जूते पहने होते हैं। रामलला तो स्वयं गर्मी, बारिश, सर्दी में टेंट में बैठकर अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं और मोदी सरकार जो 2014 में रामलला 370 और कश्मीरी पंडितों के नाम से सत्ता में आयी, मगर अपनी ऐशोआराम और विदेशी यात्राओं में सब कुछ भूल गये, जिसका खामियाजा रामलला और भारत की जनता के प्रकोप से 2019 में भुगतना पड़ेगा। रंग महल के बिल्कुल पीछे ही रामलला की मूर्ति रखी हुई है। रंग महल के पीठाधारी म. रामशरण दास जी महाराज से भी मुलाकात हुई, मगर सभी मौन हैं और एक ही जवाब देते हैं कि रामलला जब चाहेंगे तो मंदिर स्वयं बन जाएगा। पूरी अयोध्या में नववर्ष के आगाज के लिए सजावट की गयी थी, सरजू नदी पर भी नौका वालों ने अपनी-अपनी नौकाओं को सजा रखा था। हनुमन गढ़ी में भी भीड़ अपार थी, हर तरफ रामभक्त नजर आ रहे थे। मानस भवन के सामने जहां पत्थर तरासे जा रहे हैं, तरासे हुए पत्थरों पर काले रंग की कायी जम चुकी है, जो कि मंदिर की दीवारों पर भक्तों की आस्था केे हाथ लगाते ही चमक जाते हैं, मगर ये पत्थर यहां पर दुकान के रुप में आये हुए भक्तों से रुपये इकट्ठा करने का जरिया बन चुके हैं। पूरे संसार से नेताओं द्वारा राम मंदिर के नाम पर लूटखसोट अभी भी जारी है और राम भक्त छलावे में आकर लूटते जा रहे हैं। पैंथर्स पार्टी मांग करती है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाय या इस समस्या पर चाहे मीडिया हो या सोशल मीडिया हो सब पर रोक लगा दी जाय, क्योंकि भारत की जनता प्यार-मोहब्बत चाहती है ना कि कत्लेआम।