राजपथ पर दांडी यात्रा, दिल्ली हुई गांधीमय


नई दिल्ली, 70वें गणतंत्र दिवस समारोह से पूर्व राजपथ पर की गई परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल से दिल्ली गांधीमय हो गई। दांडी यात्रा व अन्य सभी झांकियों में बापू की झलक दिखी। गांधी जयंती के 150 वर्ष पूरे होने पर केंद्र सरकार ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड की थीम उनको समर्पित की है। लिहाजा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली समेत 16 राज्यों और छह मंत्रालयों-विभागों की तरफ से निकाली गई सभी झांकियों की थीम राष्ट्रपिता पर ही केंद्रित रही। इस दौरान आसमान में हवा को चीरते हुए जब वायुसेना के विमानों ने करतब दिखाए तो दर्शकों ने भी तालियों की गड़गड़ाहट से सेना का मनोबल बढ़ाया। फुल ड्रेस रिहर्सल को देखने के लिए कड़ाके की ठंड की परवाह किए बगैर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे।


फुल ड्रेस रिहर्सल में परेड की शुरुआत सेना और दिल्ली पुलिस के बैंड से हुई। राज्यों की झांकियों में बापू से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को प्रदर्शित किया गया। अंडमान-निकोबार की झांकी में सेल्यूलर जेल में दी जाने वाली काले पानी की सजा की झलक दिखाई दी। इस झांकी के जरिये नई पीढ़ी को यह बताने की कोशिश की गई कि यह आजादी कितनी मुश्किल से मिली है, ताकि वह उसकी कद्र कर सके। इसी के साथ यह भी दिखाया गया कि आजादी के दीवानों ने कैसे भूखे-प्यासे रहकर, हर दुख-दर्द सहकर स्वतंत्रता का यह उपहार हमें दिया है, अतः उन्हें सम्मान देना हमारा नैतिक कर्तव्य है।


गोवा की झांकी में अनेकता में एकता दिखी। गुजरात की झांकी में ऐतिहासिक दांडी मार्च की झलक थी। सिक्किम की झांकी में कृषि के माध्यम से पर्यावरण प्रेम व अ¨हसा का मार्ग नजर आया। त्रिपुरा की झांकी में गांधीवादी विचारों से ग्रामीण विकास को रफ्तार देने की प्रेरणा मिल रही थी तो कृषि मंत्रालय की झांकी में किसान गांधी का स्वरूप नजर आया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की झांकी में देश की सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था दिखी तो ऊर्जा मंत्रालय की सौभाग्य झांकी में न्यू इंडिया में रोशन भारत की झलक मिली। रेल मंत्रालय की झांकी में मोहन से महात्मा के सफर को दिखाया गया। इस दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें भी बापू के गीत शामिल थे।


80 बार दिल्ली आए थे बापू: 1915 से 1948 के बीच महात्मा गांधी अस्सी बार दिल्ली आए थे और 720 दिन रहे थे। इनमें से 144 दिन वह दिल्ली स्थित बिड़ला हाउस में रहे थे। दिल्ली की झांकी में बापू के दिल्ली आगमन की इसी कहानी को बयां किया गया। झांकी में बापू बिरला हाउस के बाहर बैठकर शांति की प्रार्थना करते दिखते हैं। इसके अलावा चरखा कातते भी नजर आते हैं।


उत्तर प्रदेश की झांकी में पुस्तक लिखते दिखे: उत्तर प्रदेश की झांकी में गांधीजी सत्य के साथ मेरे प्रयोग पुस्तक लिखते दिखाई दिए। झांकी में दोनों ओर प्राचीनतम नगरी की कर्मकांड की प्रक्रिया दिखी। गंगा पूजन दिखा। बौद्ध भिक्षु, साधु, पंडितों के साथ ही सुसज्जित मंदिर दिखाई दिए। भक्तिभाव और समरसता प्रदर्शित हुई।