मृच्छकटिकम नाटक की हिन्दी में प्रस्तुति की गई


नई दिल्ली, संस्कृत भाषा में लिखित संस्कृत नाटक मृच्छकटिकम के हिन्दी अनुवादित नाटक का मंचन हिन्दी अकादमी द्वारा बुधवार को मंदी हाउस स्तिथ श्रीराम सेण्टर सभागार में किया गया। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डॉ. जीतराम भट्ट ने कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुये कहा कि हिन्दी और संस्कृत साहित्यों में यह परम्परा रही है कि जो भी साहित्य जिस भाषा को लोकप्रिय रहा है उस का अनुबाद एक दूसरे में हुआ है। ऐसी ही यह संस्कृत नाटक मृच्छकटिकम भी है। इस का अनुवाद कई हिन्दी के नाटककारों ने किया है। जिसे मिट्ट की गाडी नाम किया है। आज इस नाटक का मंचन हिन्दी नाटकों के ख्याति प्राप्त निर्देशक मनोज मिश्रा द्वारा हिन्दी में मंचित किया जा रहा है।


डॉ. भट्ट ने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल एवं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के आम लोगों की अभिरुचि को देखते हुये दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के माध्यम से दिल्ली के कला एवं भाषा प्रेमियों को हर भाषा एवं कला से अवगत कराने का कार्य किया है। जिसमें नाटकों के माध्यम से एक भाषा का साहित्य दूसरी भाषा के साहित्य में अनुवादित कर आम लोगों तक पहुंच सके। मृच्छकटिकम नाटक संस्कृत साहित्य के उत्कृष्ट नाटकों में से एक है। जिसे जितनी बार भी मंचित किया जाय उतना कम है। हिन्दी भाषा में इस के मंचन से यह नाटक लोगों को अधिक प्रभाववित करता है। इस अवसर पर नाटक के निर्देशक मनोज मिश्र ने कहा कि नाटकों का निर्देश एक चुनौती है। बहुत कम समय में सम्पूर्ण विषय को प्रस्तुत कर लोगों की अपक्षा के अनुरूप बनाकरप्रदर्शित करना। यह नाटक मेरे द्वारा निर्देशित सर्व श्रेष्ठ नाटकों में से एक है जिस को निर्देशित करने में बहुत चुनौती है। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।