महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल ने दिया 25 किलो की महिला को नया जीवन


नई दिल्ली, एक कहावत है की जीना और मरना सब भगवन के हाथ में होता है, लेकिन एक कहावत यह भी कहीं गई है की नियत सेवा भाव एवं दृढ़नि के साथ किए गए कार्य व्यर्थ नहीं होते। इसी कहावत से संबंधित वेस्ट दिल्ली स्तिथ महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल में दीखने को मिली। आपको बता दें कि 97 वर्ष माता शकुंतला देवी जिनका वजन 25 किलो है। दरअसल, शकुंतला देवी को जिन परिस्थतियों में यहां लाया गया था। वो बहुत ही गंभीर थी, मगर यहां लाने के बाद उन्हें ऐसा लगा जैसा मानो जीवन की खुशियां ही मिल गयी हो। दिल और फेफड़े संबंधी रोगों से पीड़ित वयोवृद महिला की दुर्भार्ग्यवश कुल्हे की हड़ी भी टूट गयी। इस वजह से वो चलने-फिरने में भी असमर्थ हो चुकी थी। इस तरह की जटिल बीमारियों से ग्रसित लोगों को ऑपरेशन करना आसान नहीं होता। एसे में महाराजा अग्रसेन हॉस्पिटल के डॉक्टरों मनोज और वीके सहनी ने सफल ऑपरेशन कर वो चमत्कार किया जो की असंभव था। इस स्थिति में शकुंतला देवी को सेप्टिक भी हो गया था। इसे बचाते हुए डॉक्टरों ने एक इतिहास रच दिया। पश्चिम विहार निवासी माता शकुंतला देवी को पहले क्रिटिकल केयर विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर कपिल देव छावडा ने उपचार किया, इसके बाद हर्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीत मलिक, डॉ. प्रमोद जैन के अथक प्रयास से उन्हे ऑपेरशन के योगय बना दिया, फिर डॉ. मनोज गर्ग एवं वीके सहनी ने कारनामा दिखाया जो एक करिश्मे से कम नहीं है। करीब 18 दिनों तक इलाज के बाद माता शकुंतला देवी को जब यहां भर्ती करया गया था, तब इनकी स्तिथी बहुत ही गभीर थी, अन्य बीमारियों के साथ कुल्हें की हड्डी टूटने से वो बिलकुल लाचार थी। इलाज के बाद उन्होने संतोष जताया की वो अब वाकर के सहारे सामन्य जीवन जी सकती हैं।