लाला लाजपतराय के जन्म दिवस के उपलक्ष अदबी सभा संगम की ओर कवि गोष्ठी का आयोजन


सोनीपत, (राजेश आहूजा)। अदबी सभा संगम की ओर से लाला लाजपतराय के जन्म दिवस के उपलक्ष में नंदवानी नगर मंदिर में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के महासचिव जुगल ज्योति ने किया। कवियों ने अपने कलाम द्वारा स्वतन्त्रा सैनानी लाला लाजपतराय को याद किया। गोष्ठी का आरम्भ राम किशन बत्रा ने भजन के साथ किया।

देर रात हुई कवि गोष्ठी में डॉक्टर कमर रईस ने फरमाया वक्त ऐसा गजब कर गया। इन्सां इन्सान से डर गया। हक पे चलता नहीं जो कमर। जिन्दा होकर भी वह मर गया।स तत्पश्चात देवराज दिलबर ने फरमाया। दूर तलक वीराना है, रस्ता भी अन्जाना है। दिल में दर्द जमाने का। दिलबर तू दीवाना है।स

इंद्रजीत कौशिक ने कहा उन्हें नाम से मैं पहचानता हूँ मेरे दुश्मन मेरे अंदर खड़े हैं। किसी दिन चाँद निकला था यहाँ से। उजाले आज तक छत पे खड़े हैं।स हर भगवान रहेजा ने फरमाया। मजहबी अँधेरा है रौशनी है खतरे में। खुल के जीने वालों की जिंदगी है खतरे में। अब हमारी बस्ती भी जंगली इलाका है। भीड़ है दरिंदों की आदमी है खतरे में।स इस अवसर पर अलीशेर पठान, राम स्वरूप वर्मा, सिया राम, दिनेश डाबरा, सोम नाथ बत्रा, सुभाष रंगीला, रमेश, सुखराम ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर संदीप बत्रा ने सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। सड़क हादसों से कैसे बचा जा सकता है इसकी जानकारी सभी श्रोताओं को दी।