नई दिल्ली,। डेनमार्क के प्रधानमंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने शनिवार को कहा कि 1995 में पुरूलिया में हथियार गिराने के मामले में मुख्य आरोपी नील्स होल्क उर्फ किम डेवी को भारत प्रत्यर्पित करने का मुद्दा राजनीतिक रूप से सुलझाया गया और उनके देश में स्वतंत्र प्राधिकार इस मामले पर गौर कर रहे हैं। जांच अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले में 17 दिसंबर 1995 की रात एएन-26 विमान से भारी मात्रा में हथियार गिराए गए थे। वहां पर सैकड़ों एके-47 राइफलें, पिस्तौलें, एंटी टैंक ग्रेनेड, रॉकेट लान्चर और कारतूस के हजारों राउंड मिले थे। जांच के विवरण के मुताबिक, चालक दल में लातविया के पांच नागरिक और ब्रिटिश नागरिक पीटर ब्लीच थे। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। डेनमार्क का नागरिक और मामले में मुख्य आरोपी डेवी भाग निकला था। डेवी के प्रत्यर्पण की स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए रासमुसेन ने कहा कि मामले को राजनीतिक तौर पर सुलझाया गया। यहां डेनिश कल्चरल इन्स्टीट्यूट के शुभारंभ के इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, इस मुद्दे को राजनीतिक तौर पर सुलझा लिया गया। प्राधिकारों के बीच वार्ता हुई है और हम (भारत तथा डेनमार्क) पिछले साल अप्रैल में सहमत हुए थे कि हमें इन स्वतंत्र प्राधिकारों के काम पर भरोसा करना चाहिए। भारत डेवी के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है और डेनमार्क सरकार ने भारत के अनुरोध को मान लिया था लेकिन उसने कोपेनहेगन में सिटी कोर्ट में कार्यवाही को चुनौती दी थी। जिसके बाद अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को ठुकरा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में शुक्रवार को रासमुसेन से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान रासमुसेन ने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर विचार विमर्श किया और आपसी हितों के बहुपक्षीय मुद्दों पर अपने विचार साझा किया। भारत को डेनमार्क का बहुत करीबी दोस्त बताते हुए रासमुसेन ने कहा कि अनिश्चितता के इस समय में एक दूसरे के बारे में काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
किम डेवी के प्रत्यर्पण का मुद्दा राजनीतिक तौर पर सुलझाया गया: डेनमार्क के पीएम