ई-कॉमर्स पालिसी पर काम जारी, जल्द होगी घोषित: सुरेश प्रभु


-कैट के प्रतिनिधिमंडल ने की केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात


सरकार द्वारा हाल ही में ई-कॉमर्स में एफडीआई पालिसी को और अधिक स्पष्ट किए जाने का विरोध करने के लिए अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के एक ही मंच पर आने की ख़बरों को कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने निहित स्वार्थों वाले तत्वों द्वारा किया जाने वाला आर्थिक आतंकवाद बताया है। कैट ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि फिक्की और सीआईआई जैसे उद्योग संगठनों के भी उनके समर्थन में आने की खबर भी बेहद निराशाजनक है और सीधे तौर पर सरकार की नीतियों के साथ टकराव है। कैट ने कहा कि जब ये कंपनियां खुले आम ई-कॉमर्स व्यापार में अस्वस्थ रूप से माल बेच रही थी तब ये संगठन चुप क्यों थे। ऐसा प्रतीत होता है की इन संगठनों का भी निजी स्वार्थ इन कंपनियों के साथ जुड़ा है।


इसी बीच कैट का एक प्रतिनिधिमंडल कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के नेतृत्व में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु से मिला और इस मुद्दे पर व्यापारियों के पूर्ण समर्थन सरकार को देने का आश्वासन दिया और यह भी कहा कि किसी भी दबाव में पालिसी में ऐसी कोई फेरबदल न की जाए जिससे ई-कॉमर्स व्यापार में असंतुलित प्रतिस्पर्धा हो और अस्वस्थ तरीके से व्यापार हो एवं इन कंपनियों की मंशा पूरी हो। देश भर के व्यापारी ऐसे किसी भी फेरबदल का पुरजोर विरोध करेंगे।


सुरेश प्रभु ने प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार बहुत तेजी से ई-कॉमर्स की एक समग्र नीति बनाने पर काम कर रही और जल्द ही ई-कॉमर्स पालिसी घोषित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ई-कॉमर्स व्यापार में संतुलित एवं बराबरी की प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबध्द है और किसी प्रकार की भी अस्वस्थ व्यापारिक तरीके स्वीकार नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ई-कॉमर्स एक बढ़ता हुआ भविष्य का व्यापार है जिसमें सभी को बराबरी का मौका मिलना चाहिए और उपभोक्ताओं को उचित दामों पर सही गुणवत्ता का सामान मिलना चाहिए।


उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार देश में छोटे व्यापारियों को व्यापार करने के अधिक एवं बेहतर अवसर प्रदान करने के सारे प्रयास कर रही है और व्यापारी वर्ग की सभी समस्याओं का हल तार्किक रूप से किया जाएगा। श्री खंडेलवाल ने कहा सरकार द्वारा ई-कॉमर्स में एफडीआई पालिसी पर स्पष्टीकरण के बाद ऐमजॉन एवं फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों में खलबली मची हुई है क्योंकि जिस तरीके से ये कामोनियाँ व्यापार कर रही है अब उस तरीके से व्यापार करना संभव नहीं होगा इसलिए निहित स्वार्थों वाली कंपनियां एक दुसरे के साथ मिलकर पालिसी का विरोध कर रही हैं क्योंकि व्यापार उनके हाथ से खिसक जाएगा।