दो दिवसीय नर्सिंग वार्ता नर्सिकॉन 2019 की हुआ शुरुआत


नई दिल्ली, राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के नर्सिंग विभाग ने देश में पहले दो दिवसीय नर्सिंग कॉन्फ्रेंस नर्सिकॉन, 2019 का आयोजन किया। इस दौरान ओंकोलॉजी नर्सिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। नई दिल्ली के रोहिणी स्थित होटल क्राउन प्लाजा में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न प्रतिष्ठित लोगों ने इस क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला।


नर्सिंग के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आरजीसीआई के नर्सिग विभाग ने नर्सिंग के क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रशिक्षित करने और उनकी मुश्किलों को समझने के लिए इस दो दिवसीय नर्सिकॉन का आयोजन किया था, जिसके दौरान विभिन्न पहलुओं, ओंकोलॉजी नर्सिंग के क्षेत्र में बदलता ट्रेंड और उसके अनुरूप लोगों को प्रशिक्षित करना, बाल कैंसर के क्षेत्र में नर्सिंग केयर के नए ट्रेंड पर विमर्श, कीमोथेरेपी में नर्सिंग की बेस्ट प्रैक्टिस पर चर्चा, इम्यूनोथेरेपी के क्षेत्र में नर्सिंग की संभावनाओं पर विचार, ओंकोलॉजी में नर्सिंग की चुनौतियों को समझना और उनसे निपटना, कैंसर से बचाव और स्वास्थ्य बेहतर करने की दिशा में नर्सिंग की भूमिका, लैबोरेटरी टेस्टिंग में नर्सिंग मैनेजमेंट पर विमर्श, कैंसर से उबरने और उसके बार मरीज व उनके परिजनों को बेहतर जीवनशैली के लिए प्रशिक्षित करने में नर्सिंग की भूमिका पर चर्चा की गई।


कार्यक्रम के विषय में लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) मधुमिता धल्ल, चीफ ऑफ नर्सिंग, आरजीसीआईआरसी ने बताया कि शुरुआती दौर में कैंसर का इलाज मुख्य तौर पर ऑपरेशन के जरिये होता था। ऐसे में नर्स की भूमिका ऑपरेशन के मरीजों की देखभाल करना था। समय के साथ कैंसर के इलाज की दिशा में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का विस्तार होने से इस क्षेत्र में नर्सों की भूमिका और उनके लिए अवसर बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो दशक में कैंसर की जांच, इलाज और नर्सिंग में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। कैंसर से बचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और साथ ही नर्सिंग के क्षेत्र में पेशेवर जानकारी की अहमियत भी बढ़ी है। समय के साथ-साथ नर्स की भूमिका देखभाल करने वाले, सीख देने वाले, परामर्श देने वाले और प्रशासक के रूप में बढ़ी है।