दिल्ली कांग्रेस ने दिया रेहड़ी पटरी वालों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन


नई दिल्ली, रेहड़ी पटरी वालों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन देते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल और रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि केन्द्र और दिल्ली नगर निगम में भाजपा की सरकार और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की विफलताओं के कारण ही कांग्रेस द्वारा बनाया गया स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड) एक्ट, 2014 आज तक लागू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत सिर्फ दिल्ली में ही 5 लाख रेहड़ी पटरीवालों को लाईसेंस दिया जाना था ताकि उनको पुलिस तथा निगमों के हाथों के द्वारा होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके।


सिंघल और गोस्वामी ने कहा कि असंगठित कर्मचारी कांग्रेस के तहत रेहड़ी पटरी वाले दिल्ली में तीनों निगमों के मुख्यालयों सिविक सेन्टर व पूर्वी दिल्ली और एनडीएमसी के मुख्यालय पर 21 जनवरी 2019 सोमवार को दिल्ली कांग्रेस के समर्थन के तहत विरोध प्रदर्शन करेंगे। केजरीवाल सरकार को रेहड़ी पटरीवालों की बदतर हालत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दिल्ली सरकार और एनडीएमसी के मुखिया केजरीवाल है, उन्होंने रेहड़ी पटरी कानून को दिल्ली में लागू करने के लिए कुछ नहीं किया है।


उन्होंने कहा कि टाउन वेंडिग कमेटी बनाने के लिए अभी तक सर्वे नहीं कराया गया है। जबकि आप पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में खुद केजरीवाल ने वादा किया था कि आप पार्टी सत्ता में आने के 3 महीने के अंदर रेहड़ी पटरी कानून को लागू कर देगी। रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों को वेडिग जोन अलॉट न होने की वजह से दिल्ली में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी और पुलिस रेहड़ी पटरी वालों को बिना रिश्वत लिए इन्हें रेहड़ी पटरी लगाने नहीं दे रहे है।


ऑल इंडिया अंसगठित कर्मचारी के चैयरमेन अरबिन्द सिंह ने कहा कि आप पार्टी रेहड़ी पटरी कानून को सेक्शन 38 के तहत लागू करने में पूरी तरह विफल रही है। दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम टाउन वेंडिग कमेटी बनाने में कोई गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि देश भर के स्ट्रीट वेंडर्स के अंधाधुंध उत्पीड़न और बेदखली को रोकने के लिए अपने अभियान को तेज करते हुए और स्ट्रीट वेंडिंग अधिनियम- 2014 के उचित कार्यान्वयन के लिए, दिल्ली में डी.पी.यू.डब्लू.सी. और वेंडर तीनों नागरिक निकायों और एन डी एएम सी के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।


अरबिन्द सिंह ने कहा कि भारत देश में प्राधिकरण एक ऐसा विचित्र मामला है जो हमेशा दूसरे को दोषी ठहराता है और स्ट्रीट वेंडर्स उससे हमेशा सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014-के धारा 3 (3) के तहत, कोई भी स्ट्रीट वेंडर तब तक बेदखल नहीं किया जाएगा या, जैसा भी मामला हो, सब-सेक्शन के तहत निर्दिष्ट सर्वेक्षण पूरा नहीं हो चुका है, सभी स्ट्रीट वेंडर्स को वेंडिंग का सर्टिफिकेट जारी किया गया है एवं वेंडिंग जोन में स्थानांतरित न कर दिया गया हो।


अनुराग शंकर ने कहा कि गरीब स्ट्रीट वेंडर पीड़ित है क्योंकि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका का संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014 पूरी तरह से लागू नहीं किया है। स्ट्रीट वेंडर्स की आजीविका की रक्षा करने वाला कानून होने के बावजूद, अधिकारियों को इसके उद्देश्य को हराने के तरीके मिलते हैं। पुलिस और नगर निकाय कानून के दायरे से बाहर काम कर रहे हैं। इस प्रकार, सड़क विक्रेताओं को न केवल विभिन्न एजेंसियों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि अवैध रूप से बेदखल भी किया जा रहा है।