नई दिल्ली, जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने केन्द्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के जरिए लिए जा रहे फैसलों और बयानों पर चिंता व्यक्त करते हुए सवाल किया है कि यह देश चुनी हुई संसद से चलेगा या धर्म संसद से? बुखारी ने गुरुवार को अपने जारी बयान में कहा कि हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हमारा संविधान किसी भी सरकार को किसी भी धर्म का पक्ष लेने अथवा साथ देने की इजाजत नहीं देता है। लेकिन केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार बहुसंख्यक समाज का पक्ष स्पष्ट तौर से लेती दिखाई पड़ रही है। बुखारी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद से जुड़ी 67.77 एकड़ भूमि को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद टूटने के बाद वर्ष 1993 यह भूमि केंद्र की सरकार ने अधिग्रहित की थी। बाद में 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने इस भूमि पर किसी भी तरह के पूजा-पाठ और निर्माण कार्य करने पर पाबंदी लगा दी थी। साथ ही अदालत ने कहा था कि जब तक इस विवाद का फैसला नहीं आ जाता तब तक यहां पर यथास्थिति बनाई रखी जाए। उन्होंने कहा कि अब केंद्र की भाजपा सरकार अदालत से इस भूमि को लेकर राम मंदिर के निर्माण के लिए राम मंदिर न्यास को देना चाहती है। उन्होंने कहा कि जब यह मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है तब सरकार इस तरह के फैसले कैसे ले सकती है? बुखारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में सरकारी खर्चे पर जो कार्यक्रम आयोजित किया और अब कुंभ मेले में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर जो सरकारी फैसले लिए गए क्या यह सब इस देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की तरफ बढ़ाया गया कदम नहीं है? उन्होंने कहा कि यह देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दिखाए रास्तों से भटक तो नहीं रहा है? शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने अलीगढ़ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर हिन्दू महासभा के एक नेता के जरिए उनके पुतले को गोली से उड़ाने और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को सम्मानित किए जाने की घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना पर सरकार और विपक्षी दल खामोश क्यों हैं? उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की घटना में कोई मुसलमान शामिल होता तो आज पूरे देश में बवाल मचा दिया जाता और 25 करोड़ मुसलमानों को इसका दोषी करार दे दिया जाता। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के रवैए से विश्व में भारत का नाम बदनाम हो रहा है। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के जरिए जो चिंता व्यक्त की गई है, वह आज सभी के सामने है।