आइसक्रीम निर्माताओं को कंपोजिशन स्कीम में लाने की मांग


नई दिल्ली, देश के आइसक्रीम निर्माताओं ने अपने काम को कंपोजिशन स्कीम के तहत लाने की मांग को लेकर सोमवार को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब एक बैठक की, जिसमें पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई।


इस मौके पर आइसक्रीम निर्माताओं की संस्था ऑल इंडिया स्माल स्केल आइसक्रीम मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक पुनीत मनचंदा ने बताया कि इस आंदोलन में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, सांसद संजय सिंह, सांसद विंसेट पाला, सांसद पीसी चाको, अशोक तंवर, धीरज प्रसाद साहू, तिरुचि शिवा, मोहम्मद अदीब, हुसैन दलवई, मनोज झा, भुवनेश्वर कलिटा, चंद्रकांत खैरे, डी. राजा और पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल जैसे बडे नेता शामिल होंगे।


एसोसिएशन महासचिव विजय कुमार मल्होत्रा का कहना है कि देश की मोदी सरकार ने छोटे कुटीर उद्दोग के तौर पर आइसक्रीम का धंधा करने वाले विक्रेताओ को भी जीएसटी के बड़े दायरे यानी 18 फीसदी में रखा हैं, जो सरासर गलत है।


वहीं पुनीत मनचन्दा ने कहा कि छोटे कुटीर उद्योग के रूप में अपनाए गए आइसक्रीम का यह धंधा साल में 5 या 6 महीने ही चल पाता हैं, जिसे गांव देहात में रहने वाले गरीब मजदूर लोग करते हैं। लेकिन वर्तमान सरकार ने इन्हें भी बड़ी-बड़ी आइसक्रीम कंपनियों की तरह टैक्स के दायरे में ला खड़ा किया है। अगर गरीब पर हो रहे सरकार के इस अत्याचार को बंद नहीं किया गया तो आइसक्रीम के इस छोटे कुटीर उद्योग के साथ ही गरीब भी खत्म हो जाएगा। सरकार का ध्यान इस ओर खींचने के लिए यह आंदोलन किया जा रहा है।