राजनीतिक दुर्भावना के चलते भाजपा शासित नगर निगमों का उत्पीडन कर रहे है सीएमः विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल भाजपा शासित नगर निगमों के प्रति इतनी प्रबल राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त हैं कि वे उन्हें निराधार कारणों से उत्पीड़ित कर रहे हैं। वे अपने दायित्व से बचने के लिये अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना तथा अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं जो एक मुख्यमंत्री को कतई शोभा नहीं देता। अपने द्वेषपूर्ण रवैये के चलते वे निगमों को चतुर्थ वित्त आयोग के अनुरूप फण्ड जारी नहीं कर रहे हैं। यही नहीं वे पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशें लम्बे समय से दबाये बैठे हैं। वे इस बात को अनुभव नहीं कर रहे उनके निगमकर्मियों को ही नहीं अपितु दिल्लीवासियों को कितनी गम्भीर आर्थिंक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज प्रकाशित एक समाचार के बहाने से ट्वीट के माध्यम से कहा कि केन्द्र सरकार अपनी भाजपा नगर निगमो को पैसा देने को तैयार नहीं है क्योंकि निगमों ने अभी तक पैसों का हिसाब नहीं दिया और पहले दिए पैसे खर्च नहीं किए। उन्होंने पूछा कि निगम किस मुँह से पैसा माँग रही है। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आरोप निराधार है क्योंकि केन्द्र सरकार ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है।


नेता विपक्ष ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने आज अपने ट्वीट में स्पष्ट रूप से कहा है कि उपरोक्त समाचार पूरी तरह से असत्य, भ्रमित करने वाला तथा शरारतपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की परसों बुलाई बैठक में उपस्थित थीं। वहाँ पर ऐसी कोई बात नहीं हुई। बैठक में यूटीलाईजेशन सर्टिफिकेट सौंपने के लिये समय निर्धारण की बात हुई थी। इसके अतिरिक्त राशि बचाने के लिये प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। बैठक में निगमों पर कोई भी आक्षेप नहीं लगाया गया।


विजेन्द्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से मांग करी कि वे अपनी द्वेषभावना को त्याग तीनों दिल्ली नगर निगमों को चैथै वित आयोग के अनुरूप शीघ्र फण्ड जारी करे। उन्होंने कहा कि यह चिन्ता की बात है कि उत्तरी तथा पूर्वी नगर निगमों के पास वेतन और पेंशन देने तक के लिये पैसे नहीं है और दिल्ली सरकार स्वार्थ की राजनीति के कारण फण्ड जारी नहीं कर रही है। विकास के काम रूके हुये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि दिल्ली सरकार कब तक मान्य उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप फण्ड जारी करेगी।


विपक्ष के नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पांचवे दिल्ली वित्तीय आयोग की सिफारिशों को दबाना भी उतना ही अन्यायपूर्ण है जितना कि चैथे वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लटकाना। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने पांचवे वित्तीय आयोग को शीघ्र ही सदन के पटल पर रख अनुमोदित नहीं किया तो वे शीघ्र ही पांचवे वित्तीय आयोग की सिफारिशों को लागु करवाने के लिए न्यायालय जाएंगे।