न्यायपालिका खुद सरकार बन गयी है और मान मोनेटरिंग कमेटी सरकारी विभाग: डॉ. उदित राज

। दिल्ली सर्च संवाददाता। नई दिल्ली। डॉ. उदित राज के नेतृत्व में पूरे देश से अजा/जजा, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक वर्ग से कर्मचारी-अधिकारी एवं आरक्षण समर्थक नई दिल्ली के रामलीला मैदान में अनुसूचित जाति/जनजाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ और डीओएम परिसंघ के तत्वावधान में अपने संवैधानिक अधिकार और देश की प्रगति के लिए एकत्रित हए। रैली के पश्चात् डॉ. उदित राज ने रामलीला मैदान से एलान करते हुए सुप्रीम कोर्ट तक के लिए मार्च निकाला लेकिन दिल्ली पुलिस ने बीच रास्ते में ही डॉ. उदित राज एवं समर्थकों । को गिरफ्तार कर राजेन्द्र नगर पुलिस स्टेशन लेकर गए। इस मौके पर डॉ. उदित राज ने उपस्तिथ समर्थकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने संदेह व्यक्त किया था कि अगर मुख्य न्यायधीश जजों कि नियुक्ति में प्राथमिकता लेता है तो यह अनुचित होगा और इस चीज के लिए हम तैयार नहीं है।



संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर का कथन सत्य हो रहा है और 1993 से सुप्रीम कोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र को लांघा और जजों की नियुक्ति करना शुरू कर दिया। संविधान में न्यायपालिका को । कानून का व्याख्यान और लागू करना है लेकिन अंतराल में कार्यपालिका एवं विधायिका के क्षेत्र में अतिक्रमण किया और कानून बनाना, जजों की नियुक्ति करना जांच एजेंसी का काम करना और शासन-प्रशासन को चलाने का कार्य शुरू कर दिया है। वर्तमान में मोनेटरिंग कमिटी के माध्यम से दिल्ली से संपत्तियों को सील करने का कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका खुद सरकार बन गयी है और मोनेटरिंग कमिटी सरकारी विभाग। चाहे प्रदूषण करने वाले प्रतिष्ठान हो या न, सबको सील किया जा रहा है। अनिधिकृत निर्माण की भी सीलिंग हो रही है जो कि न्यायपालिका के न्यायक्षेत्र में नहीं है।