संध्या चतुर्वेदी![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi-jdw_Py4-1o2LVkS2GCYa_YHQS4DnZCEXgwAv45V8c2SdtxIWDO7U8XpJafxF23DNJnuKozGL778lmweZfuR4DF_LiZ9QUXaW3hPcqcx3OG9QA0va1o-2DZn1wrBcL1cJgsKrWmkWHRs/)
नया साल आया
खुशियां अपार लाया।।
बड़ों का आशीष
छोटो को प्यार,
मिलकर बजाये साज।
ऐसे मनाये नववर्ष आज।
ना रहे कोई दुःखी
सब के घर आये खुशी।
भूखा ना कोई सोये,
अबला ना कोई रोये।।
रहे समृद्धि और खुशहाली
आली नववर्ष आली।।
हो देश की खूब तरक्की।
आगे बढे मिले प्रगति।।
हर दिल में प्यार बढ़े
नफरत का बीज मिटे।
लोगों को नई राह मिले।
सब के चेहरे खूब खिले।।