महामना का युग प्रवर्तक व्यक्तित्व था: स्वामी चक्रपाणि महाराज

पूर्वी दिल्ली स्थित सूरजमल विहार के शिक्षक सदन में महामना विचार मंच दिल्ली की ओर से भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर भाव नमन महोत्सव हिंदी अकादमी, दिल्ली के सौजन्य से सबरस कवि सम्मलेन संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि महामना का सारा जीवन पराधीनता के अन्धकार में सूर्य की भांति चमकता रहा। शिक्षा, राजनीति, और स्वदेश के लिए उन्होंने सारा जीवन न्यौछावर कर दिया। वे स्वदेशी अस्मिता की रक्षा के मामलों में प्राण- पण से जुटे रहे। उनका युग-प्रवर्तक व्यक्तित्व था। समारोह अध्यक्ष लालधागे वाले जय प्रकाश शर्मा ने कहा कि उनके जीवन के मूल-मंत्र थे-ईश्वर भक्ति और अनुपम देश भक्ति। समारोह में दिल्ली के पूर्व मंत्री डॉ नरेंद्र नाथ, पूर्व विधायक गण विपिन शर्मा, नसीब सिंह के अतिरिक्त पूर्वी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन निर्मल जैन व पूर्व पार्षद पंकज लूथरा तथा आशुतोष शर्मा, पार्षद् राजेंद्र नगर, गा.बाद आदि ने कहा कि महामना क्रांति के नहीं बल्कि विकास के पोषक थे। वे अपने युग के एक प्रखर युग द्रष्टा थे। वे वास्तव में दीन-दुखियों के कल्प वृक्ष थे। उन्होंने हिंदी को न्यायालय की भाषा बनवाया। सभी वक्ताओं ने महामना विचार मंच और उसके महामंत्री रमेश बाबू शर्मा व्यस्त की महामना के प्रति निष्ठा और हिंदी के प्रति समर्पण की मुक्त-कंठ से प्रशंसा करते हुए उनका सपत्नीक भाव पूर्ण अभिनन्दन भी किया। मंच के अध्यक्ष पूर्व एन.सी.सी. ऑफिसर राम बाबू शर्मा के शुभ सान्निध्य में सुसम्पन्न समारोह में स्वागताध्यक्ष जगदीश प्रसाद शर्मा ने सभी का भाव पूर्ण स्वागत किया। मंच की ओर से आगंतुकों को महामना के भव्य-तैल चित्र ससम्मान प्रदान किए गए। मंच के प्रबंध मंत्री एम के शर्मा, उपाध्यक्ष अजय अरोड़ा व साहित्य मंत्री सुरेश कुमार तथा प्रचार मंत्री दीपक शर्मा ने सभी का भावपूर्ण सत्कार किया। इस अवसर पर रोहतक इम्प्रूवमेन्ट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष सुशिल कुमार शर्मा की सामाजिक सेवाओं के निमित भी अभिनन्दन किया गया। हिंदी अकादमी के सौजन्य से आयोजित सबरस कवि सम्मलेन में डॉ अंजलि भारद्वाज, डॉ जयशंकर शुक्ल, सुनहरी लाल तुरंत, अरुण शकुन व सुरेंद्र साधक ने मार्मिक कविताओं से सभी को हर्ष- विभोर कर दिया।