हिन्दी अकादमी की संस्थागत सहयोग योजना के अंतर्गत एनजीओ मीनाक्षी परिवार की ओर से शकूरपुर की झुग्गी बस्ती स्थित शिव मंदिर में रविवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंच का संचालन करते हुए कवि डॉ. चन्द्र सैन ने कहा कि कविता, कला और संस्कृति की सच्ची और जीती जागती तस्वीर झुग्गी बस्तियों में ही देखने को मिलती है। कितने ही रचनाकारों ने इसी जीवन से अपनी लेखनी को जीवंत स्वर दिया है। महलों को खूबसूरती बख्शने वाले लोग ही इन्हीं बस्तियों में बसते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जहां अंधेरा है, वहां उजाला हो यही अकादमी और मीनाक्षी परिवार का उद्देश्य है। मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। मीनाक्षी मल्होत्रा की अध्यक्षता में आयोजित इस कवि सम्मेलन का प्रारम्भ सुप्रसिद्ध कवियत्री डॉ. मधु मोहिनी उपाध्याय की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर प्रोविडेंड फंड विभाग के कमिश्नर और जाने-माने शायर आलोक यादव, कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली सरकार के उप सचिव और सुप्रसिद्ध कवि संजय जैन, डॉ. विवेक गौतम और नीतू सिंह राय ने अपनी प्रेरणादायी रचनाओं से जन समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर साधनहीन लोगों को खादय सामग्री और जूतों का भी वितरण किया गया।
मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं: डॉ. चन्द्र सैन