किशोरियों के लिए चल रहे आश्रय गृहों के सुधार के लिए गठित हो स्पेशल टाक्स फोर्सः विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली। विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आज केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी से मांग करी कि वे राजधानी में महिलाओं । व किशोरियों के लिए चल रहे । आश्रय गृहों का निरीक्षण करने के लिए । स्पेशल टाक्स फेर्स (एसटीएफ) गठित करें। उन्होंने कहा कि इन गृहों में दी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था, सुविधाओं तथा पुनर्वास की गंभीर जांच की प्रबल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली महिला आयोग आश्रय गृहों में रह रहीं महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही हैं। दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से 8 महिलाओं और एक किशोरी के लापता होने की घटना कुप्रबंधन के विशाल हिमशिला की नोंक मात्र है। समस्या की संपूर्ण जांच के लिए और इस प्रकार की घटनाओं की पुर्नावृत्ति रोकने के लिए एक स्वतंत्र और प्रभावशाली टाक्स फोर्स की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार ।



और दिल्ली महिला आयोग इस मामले में लीपा-पोती कर रहे हैं। विपक्ष के नेता ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने अगस्त के प्रथम सप्ताह में वायदा किया था कि महिलाओं के लिए सरकारी और निजी स्तर पर चल रहे सभी आश्रय गृहों की हालत की जांच की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इनका विस्तृत निरीक्षण विजेन्द्र किया जायेगा। इसके लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी ने तीन महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं की है। इस कमेटी का गठन दिल्ली सरकार दिल्ली द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश में विरूद्ध महिलाओं और किशोरियों के साथ किये जा रहे दुराचारों को देखते हुए की गई थी। इस कमेटी में सामाजिक कार्यकर्ता, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वकील तथा शिक्षाविद सम्मिलित थे। विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि संबंधित आश्रय गृह के जिलाधिकारी तथा गृह के अद्यीक्षक को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा। सुधार के लिए। गंभीर और सत्त प्रयास करने होंगे। दिल्ली सरकार ने आश्रय गृहों के विरूद्ध मिलने वाली शिकायतों को नजरंदाज किया था। अब सारी व्यवस्था का पुनर्निरीक्षण कर इसे केद्रीय स्तर पर दुरूस्त करने की आवश्यकता है।