भारत रत्न को वापस लिये जाने के प्रस्ताव को लेकर प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता की

दिल्ली भाजपा महांमंत्री राजेश भाटिया ने दिल्ली विधानसभा में 1984 के सिख नरसंहार को सही कहने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले भारत रत्न को वापस लिये जाने के प्रस्ताव को लेकर प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता की। इस प्रेस वार्ता में दिल्ली भाजपा प्रवक्ता अश्वनी उपाध्याय, मीडिया प्रभारी प्रत्युष कंठ, सह-प्रभारी नीलकांत बक्शी एवं मीडिया प्रमुख अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।

श्री राजेश भाटिया ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुये कहा कि कल दिल्ली विधानसभा के सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके अनुसार 1984 के सिखों के नरसंहार को सही साबित करने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले भारत रत्न अवार्ड को वापस लिया जाये। प्रस्ताव में लिखित रूप से उल्लेख है कि केन्द्र सरकार को वह अवार्ड वापस लेना चाहिये और इसके लिये तत्काल आवश्यक कदम उठाना चाहिये। आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से खड़े होकर इस प्रस्ताव का सदन में समर्थन दिया। इस प्रस्ताव को विधायक सौरभ भारद्वाज ने ड्राफ्ट किया था, जनरैल सिंह ने विधानसभा में प्रस्तुत किया था और विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने सभी सदस्यों को खड़े होकर अनुमोदन करने के लिए कहा था। सभी सदस्यों ने इसका अनुमोदन किया और इसका वीडिओ सोशल मीडिया पर उपलब्ध है और हम सभी ने देखा है।



श्री भाटिया ने कहा कि एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत विधानसभा में पारित प्रस्ताव को अब झुठलाया जा रहा है और अपनी औछी राजनीति का परिचय देते हुये आम आदमी पार्टी द्वारा सदन की गरिमा को नीचे गिराने का घिनौना कार्य किया जा रहा है। यदि आम आदमी पार्टी के नेताओं के आज के बयान को सच मान लिया जाये कि यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है तो क्या आम आदमी पार्टी की सरकार 66 विधायको के समर्थन के बावजूद भी सदन में अल्पमत में है या फिर दिल्ली में आगामी लोकसभा चुनाव के महागठबंधन में अपनी जगह बनाने के लिए केवल कांग्रेस को ब्लैकमेल करने का एक मात्र नाटक कर रही है। दिल्ली भाजपा यह मांग करती है कि यदि यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ तो केजरीवाल अपना इस्तीफा दे या फिर संशोधन कर इस प्रस्ताव को दुबारा सदन में पारित करें। इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी अपने राजनैतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है। सिखों को न्याय दिलाने की जगह उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रही है।


श्री भाटिया ने आम आदमी पार्टी की भत्र्सना करते हुये कहा कि केजरीवाल कांग्रेस की गुलामी करने में अपने आपको नम्बर एक साबित करने का प्रयास कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि उसमें अल्का लाम्बा को भी पीछे छोड़ने की कोशिश में है। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को राहुल गाँधी की बस में सवार होकर जाते देखा गया, जिससे यह साफ होता है कि आम आदमी पार्टी का हाईकमान कांग्रेस की बी-टीम बनने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती है और दूसरी ओर अपनी धर्म की राजनीति को भी छोड़ना नहीं चाहती है इसलिये आज आम आदमी पार्टी के विधायक असमंजस की स्थिति में है और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर विधानसभा सत्र में जनता का पैसा व्यर्थ कर रहे है। विधानसभा स्पीकर रामनिवास गोयल, सौरभ भारद्वाज एवं सोमनाथ भारती के ट्वीट से स्पष्ट है कि ऐसा कोई प्रस्ताव सदन में पास ही नहीं हुआ इससे केजरीवाल की झूठ और पाखंड का पर्दाफाश हो गया है। यू-टर्न लेना केजरीवाल की आदत बन चुकी है और झूठ बोलना इनकी फितरत में है।


दिल्ली भाजपा प्रवक्ता अश्वनी उपाध्याय ने सम्बोधित करते हुये कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने गवाहों के बयानात और सबूतों के आधार पर निचली अदालत का फैसला पलटा है और अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि राजनीतिक संरक्षण के बिना सिखों का इतना बढ़ा नरसंहार हो ही नहीं सकता। हाई कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि सिखों के नरसंहार में कांग्रेस पार्टी और तत्कालीन कांग्रेस आलाकमान शामिल थे। अब आम आदमी पार्टी ने जिस तरीके से विधानसभा के प्रस्ताव को झुठलाने का प्रयास किया जा रहा है उससे यह भी साबित होता है कि सिखों के कातिलों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।