पहले अवैध निर्माण, फिर निगम की कार्रवाई


नई दिल्ली, 19 जून दिल्ली के कालोनियों में सरकारी मशीनरी का अजीब खेल चलता है। जब इन कालोनियों में निर्माण कार्य होता है, तो हर विभाग मानो सोया रहता है, लेकिन जैसे ही निर्माण कार्य आधा से अधिक हो जाती है, सरकारी अमला पहुंच जाता है। भरोसा न हो तो दिल्ली नगर निगम के किसी इलाके का दौरा कर लें, सप्ताह दो सप्ताह में यह देखने को मिल जाएगा। दिल्ली नगर निगम के वार्ड संख्या 7 में यानी बुराड़ी में ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। बुराड़ी के स्वरूप नगर क्षेत्र में दिल्ली नगर निगम का दस्ता स्थानीय पुलिस के साथ कुछ निर्माणाधीन मकानों को तोड़ने पहुंच गईं।
घटना 19 जून, 2019 की है। स्वरूप नगर मेन रोड के आस-पास कई निर्माणों को निगम के कर्मचारी और अधिकारी अपने अवैध निर्माण की सूची में रखे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम के जूनियर इंजीनियर अपने कुछ प्राइवेट लोगों को इलाके में रखे होते हैं, जो इन्हें हर हो रही निर्माण की देते हैं। जैसे ही आधा से अधिक निर्माण होता है, ये लोग वहां वसूली करने पहुंच जाते हैं। यदि बात नहीं बनी, तो अमुक निर्माण को अवैध कहा जाता है और उसके खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाती है।
कुछ सूत्रों का कहना है कि राकेश और सोहन लाल नामक व्यक्ति इस वार्ड में निगम के कुछ कर्मचारी अधिकारियों का चहेता बना हुआ है। सोहन लाल की डयूटी किसी दूसरे इलाके में है, लेकिन वह बुराड़ी में ही देखा जाता है। इसी प्रकार बेलदार राकेश भी काफी दिनों से निगम के कुछ जूनियर इंजीनियर के कृपा का पात्र बना हुआ है। कुछ स्थानीय लोगों में रोष इस बात को लेकर है कि यदि कहीं अवैध निर्माण कार्य चल रहा है, तो निगम के यही लोग पहले कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं ?